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कांग्रेस ने पीयूष गोयल पर लगाए गंभीर आरोप, भाजपा ने बताया राजनीति से प्रेरित

कांग्रेस ने रेल मंत्री पीयूष गोयल पर हितों के टकराव और नैतिकता को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी...
कांग्रेस ने पीयूष गोयल पर लगाए गंभीर आरोप, भाजपा ने बताया राजनीति से प्रेरित

कांग्रेस ने रेल मंत्री पीयूष गोयल पर हितों के टकराव और नैतिकता को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है। दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि ऊर्जा मंत्री रहते हुए गोयल अपनी एक कंपनी को ऊंचे प्रीमियम पर देश के एक बड़े कारोबारी समूह को बेचा। वह समूह पावर सेक्टर में सक्रिय हैं, इसलिए यह नैतिकता को तक पर रख मंत्री पद का फायदा उठाने और हितों के टकराव का मामला है। 

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में आरोप लगाया कि पावर एंड रिन्‍यूएबल एनर्जी मंत्री का पद भार ग्रहण करने के चार महीने के भीतर ही गोयल ने अपनी और पत्नी की स्वामित्व वाली फ्लैशनेट इंफो सॉल्यूशन (इंडिया) लिमिटेड’ का पूरा स्टॉक 1000 प्रतिशत की प्रीमियम पर पीरामल इस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। उऩ्होंने आरोप लगाया कि गोयल ने मंत्री बनने के बाद पीएमओ की वेबसाइट पर अपनी संपत्ति की जानकारी तो दे दी पर इस सौदे की बात नहीं बताई। 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह स्वार्थपूर्ति का स्पष्ट मामला प्रतीत होता है, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनी ने 10.9 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाली कंपनी को खरीदने के लिए 48 करोड़ रुपये दिए गए, क्योंकि इस कंपनी में 99 प्रतिशत के मालिक पॉवर एवं रिन्यूएबल एनर्जी के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं उनकी पत्नी थे।

उन्होंने कहा कि रोचक बात यह है कि सितंबर, 2014 में पीरामल इस्टेट्स को बेचे जाने के बाद फ्लैशनेट इन्फो सॉल्यूशंस (इंडिया) लिमिटेड का नाम बदलकर आसन इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड रख दिया गया। वित्तवर्ष 2017 में कंपनी ने 14.78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया। फ्लैशनेट का 48 करोड़ रुपये का सौदा पूरा होने के कुछ दिन बाद अजय पीरामल, उनकी पत्नी स्वाति पीरामल, मिस नंदिनी पीरामल और आनंद पीरामल, जो पीरामल इस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर थे, इस कंपनी के बोर्ड से बाहर निकल गए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का उपदेश दिया करते हैं। क्या प्रधानमंत्री जी बताएंगे कि भाजपा के पूर्व कोषाध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल और उनकी पत्नी ने वित्तीय गड़बड़ियों का जाल क्यों बुना? क्या वो भारत के लोगों को इसका कारण बताएंगे? क्या लोगों को केंद्रीय मंत्री के कारोबारी लेनदेन के बारे में जानने का हक़ नहीं है?

आरोप बेबुनियादः भाजपा

दूसरी ओर, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि पिछले महीने से कांग्रेस पीयूष गोयल पर व्यावसायिक सौदों को लेकर दुर्भावना से ग्रसित होकर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। बयान में कहा गया है कि ये आरोप सस्ते राजनीतिक लाभ उठाने के लिए लगाए गए हैं। कांग्रेस के इन आधारहीन आरोपों के पीछे कोई आधार नहीं हैं बल्कि ये सिर्फ झूठे विवाद पैदा करने के लिए लगाए गए हैं।

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप गलत है कि पीयूष गोयल ने मंत्री रहते अपनी कंपनी के लिए काम किया। मई 2014 में मंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने सारे कारोबार से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने पद संभालते ही निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया और अपने निवेश को बेचने के प्रक्रिया शुरू कर दी।

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