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व्हाट्सएप के जरिए जासूसी के मामले में घिरी सरकार, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से की दखल की मांग

व्हाट्सएप पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने...
व्हाट्सएप के जरिए जासूसी के मामले में घिरी सरकार, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से की दखल की मांग

व्हाट्सएप पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा है कि मोदी सरकार देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। वहीं आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। सरकार ने व्हाट्सएप से इजरायली स्पाइवेयर के मामले में 4 नवंबर तक जवाब देने को कहा है।

भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले और सरकार की जवाबदेही तय करे। सुरजेवाला ने दावा किया कि 'अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार' इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

मोदी राज में डेटा चोरी आम बात: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार बनने के बाद से डेटा चोरी और डेटा से जुड़ी जालसाजी आम बात हो गई है। क्या यही कारण है कि मोदीजी डेटा को नया तेल (बीजेपी मशीन के लिए) कहते हैं?' उन्होंने कहा, '13 लाख भारतीय पेमेंट कार्ड के विवरण ‘डार्क वेब’ पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं जिससे कार्ड धारकों के एक और जालसाजी का निशाना बनने का खतरा है।'

क्या है मामला?

फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने गुरुवार को खुलासा किया कि एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर में कई व्हाट्सएप यूजर्स की जासूसी की गई। कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि, व्हाट्सएप ने यह नहीं बताया कि कितने भारतीयों की जासूसी की गई। वॉट्सऐप ने कहा कि इजरायली स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकरों ने जासूसी के लिए लगभग 1400 लोगों के फोन हैक किए हैं। चार महाद्वीपों के व्हाट्सएप यूजर्स इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।

कैसे हुई जासूसी?

इजरायल के स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकिंग को अंजाम दिया गया। व्हाट्सएप के अनुसार, इस स्पाइवेयर को इजरायल की सर्विलांस फर्म एनएसओ ने डेवेलप किया था। इसके लिए व्हाट्सएप एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिए यूजर्स को मालवेयर भेजा गया। वॉट्सऐप ने कहा कि उसने लगभग 1,400 यूजर्स को स्पेशल व्हाट्सएप मैसेज के जरिए इसकी जानकारी दी है।

 

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