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राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई से कांग्रेस नाराज, कही ये बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई का फैसला सुनाया।...
राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई से कांग्रेस नाराज, कही ये बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई का फैसला सुनाया। कांग्रेस ने दोषियों की रिहाई पर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी सोनिया गांधी के मत से सहमत नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी अपना मत देने का अधिकार रखती हैं। लेकिन, मैं पूरे सम्मान के साथ कहता हूं कि पार्टी उनके मत से सहमत नहीं है और उन्हें भी यह बात स्पष्ट रूप से बता दी गई है।

सिंघवी ने कहा, "सोनिया गांधी अपना मत देने का अधिकार रखती हैं लेकिन, मैं पूरे सम्मान के साथ कहता हूं कि पार्टी उनके मत से सहमत नहीं है और उन्हें भी यह बात स्पष्ट रूप से बता दी गई है।" सिंघवी ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि, "इस मामले में हमारे पास जो भी विकल्प होंगे उनका हम इस्तेमाल करेंगे। राजीव गांधी का बलिदान हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे।"

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हमारी कोर्ट से अपील है कि वह दोषियों की रिहा न करें। पूर्व पीएम की हत्या भारत के अस्तित्व पर हमला है। इसमें कोई राजनीति का रंग नहीं होता। इस तरह के अपराध में किसी को रिहा नहीं किया जा सकता।"

सिंघवी ने कहा कि पीएम पर हमला आम अपराध नहीं हो सकता। प्रदेश सरकार दोषियों का समर्थन कर रही थी। उस वजह से कोर्ट को इस तरह का फैसला देना पड़ा। केंद्र सरकार प्रदेश सरकार के मत से अहसमत नहीं थी।

सिंघवी ने कहा, "हमारी न्याय व्यवस्था ने लोगों की भावना का खयाल नहीं रखा। कांग्रेस ऐसे घिनौने अपराधियों को छोड़ने का विरोध करती है।" उन्होंने कहा, "भारतीय जेलों में लाखों लोग ऐसे हैं जो बिना अपराध के बंद हैं। उन पर ध्यान न देकर आप अपराधियों को रिहा कर रहे हैं।"

बता दें कि न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायाधीश बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी ए. जी. पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है। संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, उच्चतम न्यायालय ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सज़ा पूरी कर ली थी।

 

 

गौरतलब है कि 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था।

 

 

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