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कैबिनेट विस्तार पर कांग्रेस का हमला, 6 मंत्रियों की छुट्टी को बताया सरकार की नाकामी का सबूत

मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुछ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कई को पद से हटाया। इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सारी प्रक्रिया से पीएम खुद बाहर दिखे।"
कैबिनेट विस्तार पर कांग्रेस का हमला, 6 मंत्रियों की छुट्टी को बताया सरकार की नाकामी का सबूत

मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। चार कैबिनेट मंत्री समेत 9 राज्य मंत्री बनाएं गए हैं। कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने नए और पदोन्नत मंत्रियों को लेकर कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस दौरान 6 मंत्रियों की छुट्टी होना सरकार की सबसे बड़ी नाकामी का सबूत है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शन के हिसाब से यह फेरबदल हुआ है तब वित्त मंत्री अरूण जेटली की भी छुट्टी होनी चाहिए थी। क्योंकि उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। नोटबंदी जेसे कदम फेल रहे हैं। तिवारी ने नौकरशाहों को मंत्री बनाए जाने को लेकर कहा कि पीएमओ में बैठे नौकरशाह की भूमिका सरकार में पहले से ही है ऐसे में नौकरशाहों को मंत्री बनाए जाने का कोई तुक नहीं हैं।

न्यूज पोर्टल नवभारत टाइम्स के मुताबिक,  कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस सरकार में कौशल विकास और रोजगार पर कोई काम नहीं हो पाया इसीलिए राजीव प्रताप रूडी और दत्तात्रेय को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है।

सारी प्रक्रिया से पीएम बाहर

मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुछ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कई को पद से हटाया। इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सारी प्रक्रिया से पीएम खुद बाहर दिखे। सारी प्रक्रिया अमित शाह चला रहे थे। ऐसा लगता था कि भारत के पीएम अमित शाह हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि पीएम नरेंद्र मोदी जो मंत्रिमंडल के मुखिया हैं, जिनके साथ बाकी मंत्री काम करते हैं वह ऐसे अलग-थलग थे। या तो उनमें हिम्मत नहीं थी कि अपने मंत्रियों की पर्फॉ्रमेंस के बारे में कुछ कहें या उनकी सरकार में कोई दिलचस्पी नहीं रही।”

अनंत को लिया आड़े हाथ

मनीष ने नए मंत्री बने अनंत कुमार हेगड़े पर कहा कि सबसे चिंताजनक तो यह है कि जो हेगड़े जी, जिनको सरकार में शामिल किया गया है। जनवरी 2017 को इन्हें कैमरे पर डॉक्टरों की पिटाई करते हुए देखा गया था। 

'छवि सुधारना मुमकिन नहीं'

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार की छवि पहले से ही खराब हो चुकी है। कुछ भी करने से छवि सुधारना मुमकिन नहीं है।

शिवसेना-जदयू के बोल

फेरबदल पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, "यह केवल बीजेपी रीशफल है। इसका एनडीए से कोई लेनादेना नहीं है। हो सकता है यह बहुमत का अहंकार हो, लेकिन हम इस पर ध्यान नहीं दे रहे। उनका बहुमत है तो अपने हिसाब से सरकार चलाएं।" वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, "यह भाजपा के अंदर का फेरबदल है, एनडीए का नहीं है। इसलिए हम इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।"

 

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