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पंजाब चुनाव के लिए राजनीतिक परिवारों पर कांग्रेस का भरोसा

पंजाब चुनावों के लिए कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन में परिवार की राजनीति ही हावी रही जिसमें सीटें राजनीतिक परिवारों की अगली पीढ़ियों को गयीं या वृद्ध नेताओं ने अपने या अपने परिजनों को उम्मीदवार बनाने के लिए दबाव बनाया।
पंजाब चुनाव के लिए राजनीतिक परिवारों पर कांग्रेस का भरोसा

पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली दो सूची कई एेसे उदाहरण पेश करती है कि परिवार की किस तरह पार्टी पर पकड़ बनी हुई है जिसमें कई महत्वपूर्ण सीट एक वंश के अंदर के लोगों को दी गई है। वर्तमान विधायक परणीत कौर ने पटियाला सीट अपने पति और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह के पक्ष में खाली कर दी वहीं विधायक चरणजीत कौर ने कादियान सीट अपने रिश्तेदार फतेहजंग बाजवा के लिए खाली कर दी।

फतेहजंग बाजवा पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और राज्यसभा के सदस्य प्रताप बाजवा के भाई हैं। इसी तरह से नवांशहर से वर्तमान विधायक गुरइकबाल कौर बब्ली ने अपने बेटे अंगद सैनी के लिए सीट छोड़ दी जिन्हें पहली सूची में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया गया। शुक्रवार को जारी दूसरी सूची में कांग्रेस ने अमरीक सिंह ढिल्लों को समराला सीट से उम्मीदवार बनाया। वह यहां से वर्तमान विधायक हैं। ढिल्लों ने इस सीट से अपने बेटे और पोते की भी उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया था ताकि दौड़ से बाहर होने पर यह सीट परिवार के ही सदस्य को मिले।

एक अन्य सीट जहां परिवार के अंदर ही सीट रह गई वह है खेमकरण जहां से कांग्रेस ने सुखपाल सिंह भुल्लर को उम्मीदवार बनाया है। वह वलटोहा से पूर्व विधायक गुरचेत सिह भुल्लर के छोटे बेटे हैं। भुल्लर इस सीट से अपने बड़े बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे। 

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