कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने सोमवार देर रात मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति कर उच्चतम न्यायालय के आदेश और संविधान की भावना के खिलाफ काम किया है। पार्टी ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ करार दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को आयोजित चयन समिति की बैठक के बाद ज्ञानेश कुमार को नया सीईसी नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बीती आधी रात को जल्दबाजी में सरकार ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। यह संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के कई मामलों में दोहराया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए सीईसी को निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संशोधित कानून ने सीईसी चयन पैनल से सीजेआई को हटा दिया और सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहले ही कहा था कि इस निर्णय को तब तक टाला जाना चाहिए था जब तक कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुरूप इस मुद्दे पर निर्णय नहीं ले लेता।
उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम सीईसी चयन समिति की बैठक के बाद बीती देर रात नए सीईसी पद पर ज्ञानेश कुमार और ईसी पद पर विवेक जोशी की नियुक्ति कर दी गई। इसका विधिवत नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।