कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान से अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सालाना उत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे सलमान खुर्शीद ने एक छात्र के सवाल पर कहा था कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग लगे हैं और कांग्रेस का नेता होने के नाते ये दाग उनके दामन पर भी हैं। अब उनके बयान से जहां कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। वहीं सलमान खुर्शीद अपनी बात पर अड़े हुए हैं।
मंगलवार को सलमान खुर्शीद ने एएनआई से बातचीत में कहा, “जो कहा है उसे आगे भी कहते रहेंगे। मैंने यह बयान इंसान होने के नाते दिया है। ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं।”
कांग्रेस ने किया किनारा
इस पर कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सलमान खुर्शीद के बयान से असहमत है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान केवल उन ताकतों की मदद करते हैं जो लोगों को धर्म, जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सभी को पता होना चाहिए कि आजादी के पहले और बाद में, कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जिसने एससी/ एसटी, गरीबों और धार्मिक तथा जातीय अल्पसंख्यकों समेत लोगों के सभी वर्गों को एक साथ समतावादी समाज बनाने की दिशा में काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि इन आंतरिक आधारभूत मूल्यों पर आज मोदी सरकार द्वारा हमला किया जा रहा है, इसलिए सभी नेताओं को याद रखना चाहिए कि ऐसे वक्तव्य केवल उन लोगों की मदद करते हैं जो समाज को जाति और सांप्रदायिक रेखाओं पर किसी भी कीमत पर बनाए रखने और सत्ता पाने के लिए बांटना चाहते हैं।
क्या था मामला?
एएमयू के निलंबित छात्र आमिर मिंटोई ने खुर्शीद से पूछा था कि 1947 में देश की आजादी के बाद ही 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन किया गया। फिर 1950 के प्रेसिडेंशल ऑर्डर से मुस्लिम दलितों से एसटी-एससी आरक्षण का हक छीना गया। इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ आदि में मुसलमानों का नरसंहार हुआ। इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाजे खुलना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखना और फिर बाबरी मस्जिद की शहादत जो कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में हुई।
इन घटनाओं का हवाला देते हुए आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं। इन धब्बों को आप किन अल्फाजों से धोना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में सलमान खुर्शीद ने आमिर मिंटोई के लगाए हुए इल्जामों के जवाब में यह कह गए कि कांग्रेस के नेता होने के नाते मुसलमानों के खून के यह धब्बे उनके दामन पर भी हैं।