कांग्रेस में भीतर ही भीतर कुछ पक रहा है। दो दिन पहले ही प्रदेश अध्यक्ष और हेमन्त सरकार में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव दिल्ली गये थे। वहां कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव सह संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मिले और संगठन और सरकार के काम-काज से अवगत कराया, पार्टी के आउटरीच कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उसी समय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी चार्टर प्लेन से दिल्ली पहुंचे और तीन-चार दिनों तक रहने के बाद लौट आये।
मुख्यमंत्री का पूर्व घोषित कार्यक्रम नहीं था। वहां किससे मिले और किस मसले पर बात हुई कुछ भी औपचारिक तौर पर सामने नहीं आया। मगर हेमन्त सरकार में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के एक साथ दिल्ली में होने को लेकर मीडिया में भांति-भांति की खबरें आती रहीं। दरअसल सरकार के गठन के डेढ़ साल बाद भी मंत्री का एक पद खाली है। कांग्रेस इस पर दावा करती है तो झामुमो का कहना है कि फार्मूले के तहत यह उसके हिस्से का है। अंतिम बात कि मंत्री बनाना मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार का मामला है। कांग्रेस के कुछ मंत्रियों के फेरबदल-विभाग बदल से लेकर लंबित बीस सूत्री, निगरानी समितियों के गठन, बोर्ड आयोगों में समायोजन का मसला फिर से उछला।
कांग्रेस अध्यक्ष वापस रांची लौटे ही थे कि प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी दिल्ली धमक गये। खुद के साथ तीन और विधायकों राजेश कच्छप, अकेला यादव और ममता देवी को लेकर। वहां मंगलवर को झारखण्ड प्रभारी आरपीएन सिंह से मिले फिर बुधवार को कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव सह संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मिले। डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि वेणुगोपाल से भी 45 मिनट बात हुई। संगठन कैसे मजबूत हो, पार्टी कैसे धारदार बने, कैसे विधायकों को सम्मान मिले। कैसे कार्यकर्ताओं, निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को सम्मान मिले।
इस सिलसिले में वे लोग केसीवेणु गोपाल से मिले। एक-एक बात रखी है। बीस सूत्री, निगरानी समिति, आयोग के गठन और अन्य रिक्त पदों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तैनाती की बात की। कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ हैं उसे कमजोर नहीं होना चाहिए। हमारे कार्यकर्ता असहाय महसूस कर रहे हैं। स्थान रहते हुए डेढ़ साल तक सत्ता का प्रसाद नहीं मिले तो सरकार में शामिल होने का एहसास पार्टी जनों को कैसे होगा। जानकार बताते हैं कि डॉ इरफान अंसारी अपने लोगों के लिए ज्यादा जगह चाहते हैं, उसी कवायद में पहुंचे थे। कुछ और वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत संभावित है। बात एक व्यक्ति एक पद को लेकर भी हुई। प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव अध्यक्ष के साथ सरकार में वित्त मंत्री भी हैं।