मध्य प्रदेश में मचे राजनीतिक घमासान के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज मीडिया के सामने आए। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार ने हाल में ही दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर बताया था। उन्होने दिग्विजय सिंह पर पर्दे के पीछे से सरकार चलाने का आरोप भी लगाया है, जिसके बाद से राज्य की राजनीति में बवाल मचा हुआ है।
“पार्टी में अनुशासन होना चाहिए चाहे नेता कितना भी बड़ा हो”
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे आरोपों से विचलित नहीं होते। उन्हें राजनीति में 50 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में जो कुछ भी हुआ उसे वे सीएम कमलनाथ और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष पर छोड़ते हैं। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उमंग सिघार के बारे में उन्होंने कहा कि हर पार्टी में अनुशासन होना चाहिए चाहे नेता कितना भी बड़ा नेता क्यों ना हो कार्रवाई होनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने साथ ही कहा कि सिंधिया और दीपक बावरिया से भी चर्चा की है। किसी से उनका विवाद नहीं है।
''मेरी राजनीतिक लड़ाई भाजपा की विचारधारा से है”
भाजपा और आरएसएस द्वारा आईएसएई से पैसा लेने वाले अपने बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा,''मेरी राजनीतिक लड़ाई भाजपा की विचारधारा से है। मैंने कभी इस मामले में समझौता नही किया। ये वो विचारधारा है जिसने देश की एकता को तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा,'' यह पूरी कहानी तब शुरू हुई जब भाजपा आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम सिंह को 2017 में एसटीएफ ने आईएसआई से पैसे लेते हुए पकड़ा था, लेकिन तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने न तो उन पर एनएसए का आरोप लगाया और न ही उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई की।'' उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाई अब मैं कमलनाथ और सोनिया जी पर छोड़ता हूं।