कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पाकिस्तान के बालाकोट में हुए भारतीय वायुसेना के हवाई हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। उन्होंने एयर स्ट्राइक को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने ‘पुलवामा आतंकी हमले’ को ‘पुलवामा दुर्घटना’ लिखा है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “पुलवामा दुर्घटना के बाद हमारी वायु सेना द्वारा की गयी “एयर स्ट्राइक" के बाद कुछ विदेशी मीडिया में संदेह पैदा किया जा रहा है जिससे हमारी भारत सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है।”
दिग्विजय ने ट्वीट किया कि हमें हमारी सेना पर उनकी बहादुरी पर गर्व है व सम्पूर्ण विश्वास है। सेना में मैंने मेरे अनेकों परिचित व निकट के रिश्तेदारों को देखा है किस प्रकार वे अपने परिवारों को छोड़ कर हमारी सुरक्षा करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री जी आपकी सरकार के कुछ मंत्री कहते हैं 300 आतंकवादी मारे गये भाजपा अध्यक्ष कहते हैं 250 मारे हैं, योगी आदित्यनाथ कहते हैं 400 मारे गये और आपके मंत्री एसएस अहलुवालिया कहते एक भी नहीं मरा। और आप इस विषय में मौन हैं। देश जानना चाहता है कि इसमें झूठा कौन है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी सवाल ना सियासत का है ना सत्ता का। सवाल उन बिलखती बहनों का है जिन्होंने अपने भाई खोए हैं सवाल उस मां का है जिसके लाड़ले की शाहदत हुई है और सवाल उस वीरांगना का है जिसने अपना पति खोया है। इनके सवालों का जवाब आप कब देंगे?
आप, आपके वरिष्ठ नेता व आपकी पार्टी सेना की सफलता को जिस प्रकार से भाजपा केवल अपनी सफलता साबित कर चुनावी मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं वह हमारे देश के सुरक्षा कर्मियों की बहादुरी और समर्पण का अपमान है। देश का हर नागरिक भारतीय सेना व समस्त सुरक्षा कर्मियों का सम्मान करता है।
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे थे. इसके बाद बीजेपी ने उनके बयान का विरोध किया था।
अमित शाह के बयान पर पर भी हुआ विवाद
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि वायुसेना की एयर स्ट्राइक में 250 से अधिक आतंकवादी मारे गए। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस के कई बड़े नेता उन पर हमलावर हो गए। गुजरात के अहमदाबाद में एक रैली में अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने दावा किया, “पुलवामा आतंकी हमले के बाद हर किसी को लगता था कि इस बार सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हो सकती है, लेकिन क्या हुआ? पुलवामा आतंकी हमले के 13वें दिन की गई मोदी सरकार की एयरस्ट्राइक में 250 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।”
‘क्या यह एयर स्ट्राइक को लेकर राजनीति नहीं की जा रही है?’
अमित शाह के बयान पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सवाल खड़े किए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पूछा कि एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने कहा है कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि आतंकी कैंप पर हुई एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए हैं। लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया है कि एयर स्ट्राइक में 250 आतंकी मारे गए हैं। क्या यह एयर स्ट्राइक को लेकर राजनीति नहीं की जा रही है?
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने ट्वीट किया कि दुनिया के कई अखबार कह रहे हैं बालाकोट में कुछ नहीं हुआ, तो क्या वह पाकिस्तान समर्थक हैं?
केजरीवाल ने पूछा- 'क्या अमित शाह के मुताबिक सेना झूठ बोल रही है?'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या अमित शाह को सेना के बयान पर भरोसा नहीं है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “क्या अमित शाह के मुताबिक सेना झूठ बोल रही है? सेना ने साफ़ साफ़ कहा है कि कोई मरा या नहीं मरा या कितने मरे, ये नहीं कहा जा सकता। अपने चुनावी फायदे के लिए क्या अमित शाह और भाजपा सेना को झूठा बोल रहे हैं? देश को सेना पर भरोसा है। क्या अमित शाह और भाजपा को सेना पर भरोसा नहीं?”
चिदंबरम ने पूछा- हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने एयरस्ट्राइक में घायलों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। विदेश मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा था कि कोई नागरिक या सैन्य अधिकारी हताहत नहीं हुआ है, तो किसने मरने वालों की संख्या 300-350 बताई?
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एक गौरवशाली नागरिक के तौर पर मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं। लेकिन, अगर हम ये चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो, तो सरकार को विपक्ष को कोसने की बजाय इसके लिए प्रयास करना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना को उनकी शानदार उपलब्धि के लिए सलाम करने वाले सबसे पहले व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी थे। मोदी जी ये क्यों भूल गये?
मोदी ने दिया ये जवाब
विपक्ष के इन सवालों पर रविवार को पटना रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि विपक्ष के कुछ लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की संसद, मीडिया को फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के बयान से सेना के मनोबल को तोड़ने का काम किया जा रहा है।