उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दायर कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखने वाले उसके फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर कर सात नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि आर्थिक न्याय करने की सरकार की कोशिश को व्यर्थ करने में संविधान के मूल ढांचे का उपयोग करना स्वीकार्य नहीं हो सकता।
न्यायालय ने 3:2 के बहुमत वाला अपना फैसला 103वें संविधान संशोधन के पक्ष में दिया था।