कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आर्थिक मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शनिवार को प्रियंका ने टि्वटर के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोला। शुक्रवार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी खबर आई। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई।
देश की इकनॉमी में नरमी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए प्रियंका ने ट्वीट किया, 'वादा तेरा वादा...2 करोड़ रोजगार हर साल, फसल का दोगुना दाम, अच्छे दिन आएंगे, मेक इन इंडिया होगा, अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन होगी... क्या किसी वादे पर हिसाब मिलेगा? आज जीडीपी ग्रोथ 4.5% आई है। जो दिखाता है सारे वादे झूठे हैं..'...और तरक्की की चाह रखने वाले भारत और उसकी अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी के चलते बर्बाद कर दिया है।'
भाजपा के लिए जीडीपी 'गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स': कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला जीडीपी ग्रोथ में गिरावट को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था- जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है, फिर भी भाजपा जश्न क्यों मना रही है? भाजपा के लिए जीडीपी 'गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स है। सुरजेवाला ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान के संदर्भ में ये टिप्पणी की। प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था, हालांकि उन्होंने शुक्रवार को लोकसभा में दो बार माफी मांग ली।
सरकार को उम्मीद, अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार
जीडीपी के निराशाजनक आंकड़ों पर सरकार का रुख हालांकि सकारात्मक है। शुक्रवार को सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यन ने कहा कि तीसरी तिमाही में जीडीपी एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकती है। उन्होंने कहा, 'हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी रहेगी। तीसरी तिमाही में जीडीपी के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।'
वित्त मंत्रालय भी जीडीपी ग्रोथ बढ़ने को लेकर आशावान है। मिनिस्ट्री ने कहा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल अक्टूबर में अपनी वर्ल्ड इकनॉमिक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत और 2020-21 में 7 प्रतिशत रहेगी।
‘आर्थिक वृद्धि जरूर धीमी हुई है लेकिन अर्थव्यस्था कभी मंदी में नहीं गई’
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी की अटकलों को खारिज कर दिया था। सीतारमण ने यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक आंकड़ों की तुलना करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि जरूर धीमी हुई है लेकिन अर्थव्यस्था कभी मंदी में नहीं गई।