कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई। इस दौरान गांधी ने कहा कि जमीनी स्तर तक कांग्रेस का संदेश नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे नीतिगत मुद्दों पर राज्य के नेताओं के बीच स्पष्टता, सामंजस्य की कमी दिखती है।"
एआईसीसी की अहम बैठक में सोनिया गांधी ने अनुशासन, एकता पर जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से आगे निकल कर संगठन को मजबूत करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई कार्यकर्ताओं को पहचानने, झूठे प्रचार का मुकाबला करने के लिए तैयार करने से शुरू होती है। सरकार की सबसे बुरी ज्यादतियों के पीड़ितों के लिए दोबारा लड़ाई लड़नी चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी महासचिवों और विभिन्न राज्यों के प्रभारी और पीसीसी प्रमुखों के अलावा यहां एआईसीसी मुख्यालय में बैठक में मौजूद थे। नेता पार्टी के नए सदस्यता अभियान की रणनीति भी बनाएंगे और इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप देंगे। यह अभियान 1 नवंबर से शुरू हो रहा है और अगले साल 31 मार्च तक चलेगा।
बता दें कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं।