कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंध को ज्ञापन सौंपा। सांसदों ने कहा कि योजना को वापस लिया जाना चाहिए। सांसदों ने पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में पुलिस द्वारा पार्टी सांसदों के साथ कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया।
पार्टी सांसदों के साथ नेताओं ने पहले संसद भवन से विजय चौक तक एकजुटता मार्च निकाला, जहां उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम अग्निपथ भर्ती योजना और सांसदों के खिलाफ पुलिस अत्याचार के मुद्दों पर राष्र्टपति को ज्ञापन सौंपा। अग्निपथ योजना पर, हमने राष्ट्रपति से कहा है कि इस पर न तो किसी समिति से चर्चा हुई और न ही संसद में पेश किया गया, हमने कहा कि यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। राष्ट्रपति से इस पर विचार करने को कहा गया है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि दूसरा ज्ञापन कांग्रेस नेताओं पर पुलिस अत्याचार को लेकर है। हमने राष्ट्रपति से इसकी जांच कराने और मामले को संसदीय विशेषाधिकार समिति को भेजने को कहा है। उन्होंने कहा कि समिति में हम अपना मामला पेश करेंगे और दिल्ली पुलिस और एमएचए को अपना मामला पेश करने देंगे। समिति को तय करने दें कि उल्लंघन हुआ है या नहीं। राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस पर गौर करेंगे और इसे सरकार के सामने उठाएंगे।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश और के सी वेणुगोपाल शामिल थे।