बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस में भी पार्टी ने बड़ा फेरबदल किया है। पूर्व सांसद सोमेंद्र नाथ मित्रा को प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाया गया है तो मौजूदा अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को उनके पद से हटाकर प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी को घोषणापत्र समिति का प्रमुख बनाया गया।
पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मित्रा और चौधरी की नियुक्त के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों, समन्वय समिति, घोषणापत्र समिति के अध्यक्षों और संयोजकों की भी नियुक्ति की है।
15वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके सोमेंद्र मित्रा पहले भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। मित्रा ने 2008 में कांग्रेस छोड़कर ‘प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेस’ नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। 2009 में उन्होंने अपनी पार्टी का तृणमूल कांग्रेस में विलय करा दिया और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में वापस आ गए।
चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी, शंकर मालकर, नेपाल महतो और अबू हासिम खान चौधरी समेत चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष और शुभाकंर सरकार को संयोजक और अमिताभ चक्रवर्ती को संपर्क और संचार विभाग का प्रमुख बनाया गया है। फेरबदल की खास बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष से अधीर रंजन को ऐसा समय में हटाया गया जब कांग्रेस 2019 चुनाव में ममता बनर्जी से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। अधीर रंजन इस संभावित गठबंधन के सख्त खिलाफ रहे हैं।
सात साल से सत्ता पर काबिज हैं ममता
पश्चिम बंगाल में वामपंथी पार्टी के इस गढ़ में जब तीन दशक के बाद साल 2012 में लेफ्ट का किला ढहा तब भी संजीवनी कांग्रेस को नहीं मिली और तभी से सत्ता ममता बनर्जी के हाथों में है। और पिछले करीब सात साल से ममता बनर्जी सत्ता पर काबिज है।