कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस और गठबंधन सरकार वाले राज्यों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आगामी सत्र में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में एक-तिहाई आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव को पारित करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने राहुल गांधी के सामने शर्त रखी थी कि अगर वह संसद में तीन तलाक और निकाह हलाला से संबंधित बिल का समर्थन करेंगे तो सरकार महिला आरक्षण पर कांग्रेस का साथ देगी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गांधी को पत्र लिखकर सभी महिलाओं के लिए एक समान नजरिया रखने की पेशकश की थी। इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा था कि कानून मंत्री बिलों को लेकर सौदेबाजी पर उतर आए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था पत्र
राहुल गांधी ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण संबंधी बिल को समर्थन देने की गुजारिश की थी। रविशंकर प्रसाद ने उस खत का जवाब देते हुए तीन तलाक और निकाह हलाला पर समर्थन की मांग कर गेंद को फिर कांग्रेस के पाले में डाल दी थी।
ओडिशा ने पारित किया प्रस्ताव
वहीं 20 नवंबर को ओडिशा विधानसभा ने विधानसभाओं और संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव पर 19 नवंबर की रात को चर्चा हुई थी। जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया था। इस प्रस्ताव को बीजू जनता दल, विपक्षी कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने समर्थन दिया था।