आज पश्चिमी यूपी के बागपत जिले की बड़ौत तहसील में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे एक किसान की मौत का मामला गरमा चुका है। गन्ने के बकाया भुगतान और बिजली बिलों समेत कई मांगों को लेकर वहां किसान कई दिनों से धरने पर बैठे थे। जब प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। शनिवार को धरने में शामिल उदयवीर सिंह नाम के किसान ने भीषण गर्मी में दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया। रविवार को जहां बागपत में पीएम मोदी की रैली हुई, वहीं इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। 28 मई को पश्चिमी यूपी के कैराना में उपचुनाव भी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'यूपी के गन्ना किसान सोच रहे हैं कि यूपीए काल की परियोजना का श्रेय लेने आए प्रधानमंत्री जी रोड शो करते हुए उनके खेतों को चीरते हुए निकल जाते हैं लेकिन उनका ध्यान उन पर क्यों नहीं जाता? दुर्भाग्य से उदयवीर जैसे किसान जिन्होंने अपने हक के लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, ये सोच भी नहीं सकते।'
UP के गन्ना किसान सोच रहे हैं कि UPA काल की परियोजना का श्रेय लेने आए प्रधानमंत्रीजी रोड शो करते हुए उनके खेतों को चीरते हुए निकल जाते हैं लेकिन उनका ध्यान उनपर क्यों नहीं जाता? दुर्भाग्य से उदयवीर जैसे किसान जिन्होंने अपने हक़ के लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, ये सोच भी नहीं सकते pic.twitter.com/1bmDB0DBIF
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2018
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- आज जब गन्ना किसान उदयवीर के पार्थिव शरीर से मात्र 30 किमी दूर मोदी जी कांग्रेस द्वारा बनाए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का जशन मनाएंगे, ताकि कैराना उपचुनाव में वोट बटोरी जा सके, तो सोचें कि किसानों के प्रति उनकी जिम्मेवारी क्या है? क्या PM उदयवीर को श्रद्धांजलि देंगे? क्या उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के बकाया ₹12,224 करोड़ और देश के गन्ना किसान के बकाया ₹20,000 करोड़ के फ़ौरन भुगतान का वायदा पीएम आज करेंगे? क्या मोदी जी बताएंगे कि इतना गन्ना पैदा करने के बावजूद भाजपा सरकार ने 15,018 मेट्रिक टन चीनी पाकिस्तान से क्यों मंगाई?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया, "बड़ौत में बिजली के बढ़े दाम व गन्ने के बकाया भुगतान के विरोध में धरने पर बैठे व महोबा, हमीरपुर, बांदा में कर्ज माफ़ी के झूठे वादे के मारे किसानों की मौत, आज कामयाबी गिना रही सरकार का सच बयां कर रही है. खेती, कारोबार, उद्योग व सौहार्द को मारने वाली सरकार का आज से काउण्टडाउन शुरू।"
क्या है पूरा मामला
छपरौली से पूर्व विधायक डा. अजय तोमर ने आउटलुक को बताया कि जिमाना गांव का किसान उदयवीर क्षेत्र के अन्य किसानों के साथ 21 मई से धरने पर बैठा हुआ था। गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं मिलने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही बढ़े हुए बिजली के बिलों से क्षेत्र के किसानों में भारी असंतोष है। उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे उदयवीर की मौत हार्ट अटैक से हुई। मृतक किसान उदयवीर के परिवजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की देने की मांग की गई है।
धरने पर बैठे किसान की मौत की जानकारी मिलते ही रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। जयंत चौधरी के मुताबिक, "जिमाना गांव के उदयवीर, गन्ना बकाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानों के साथ 5 दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे। आज लड़ते लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया। किसान इस सरकार को सबक सिखाएगा।"
पश्चिमी यूपी में गन्ने का बकाया भुगतान एक बड़ा मुद्दा है। इस साल बकाया भुगतान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। किसानों की इस दुर्दशा के बीच पश्चिमी यूपी की सियासत सांप्रदायिक मुद्दों में उलझी है। किसान की मौत से नाराज़ ग्रामीणों ने कल जमकर हंगामा किया और उसका शव उठाने से इंकार करते रहे।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गन्ने का बकाया
उल्लेखनीय है कि देश भर की चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि बढ़कर 21,700 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है तथा इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं होने से भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।