अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा कि इस मसले पर संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे और देश को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे। इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस पार्टी ने सात सवाल किए हैं। इन पर मन की बात करना प्रधानमंत्री का राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक दायित्व है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले 100 दिनों से भारत के लोगों की पीड़ा, आशा और आकांक्षाओं को सुनते हुए एक दिन में 20-25 किलोमीटर पैदल चलने वाले इंसान पर अपने लिए ढोल पीटने वालों से हमले करवाकर कर भटकाने की राजनीति बंद करें। जवाब दो, प्रधान मंत्री @narendramodi
जयराम रमेश ने कहा कि देश जानना चाहता है कि 20 जून, 2020 को आपने ऐसा क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है? आपने चीनियों द्वारा हमारे सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में ऐसे हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गश्त करने से रोकने की अनुमति क्यों दी, जहां हम मई 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त कर रहे थे? आपने 17 जुलाई 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत माउंटेन स्ट्राइक कोर की स्थापना की योजना को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया?
उन्होंने पूछा कि आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर्स फंड में अंशदान की अनुमति क्यों दी? आपने पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने क्यों दिया? आप इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा की स्थिति और चीन की ओर से हमारे समक्ष आने वाली चुनौतियों पर संसद में बहस न हो? आपने शीर्ष चीनी नेतृत्व से अभूतपूर्व रूप से 18 बार मुलाकात की और हाल ही में बाली में शी जिनपिंग से हाथ मिलाया। इसके तुरंत बाद चीन ने तवांग में घुसपैठ शुरू कर दी और उसकी तरफ से सीमा की स्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास करना जारी है। आप इस मुद्दे पर देश को विश्वास में क्यों नहीं ले रहे?