कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और पार्टी इस रेगिस्तानी राज्य में सरकार बदलने के चलन का सामना करेगी। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दिल्ली में राज्य के नेताओं की मौजूदगी में राजस्थान के लिए पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह टिप्पणी की।
गोगोई ने भाजपा पर 2024 के संसदीय चुनावों में हार के डर से राज्य विधानसभा चुनावों में अपने सांसदों को मैदान में उतारने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि उनके खिलाफ बहुत अधिक सत्ता विरोधी लहर है। उन्होंने कहा, ''राजस्थान में कई वर्षों से परंपरा रही है कि हर पांच साल में सरकार बदलती है, लेकिन इस बार हमने बहुत करीब से देखा है कि सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।
उन्होंने कहा, "इस बार परंपरा टूटने जा रही है और इसीलिए भाजपा डरी हुई है और उसने उन सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है जिनके खिलाफ बहुत विरोध है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने कहा, ''बड़ी सत्ता विरोधी लहर है क्योंकि वे जानते हैं कि वे दोबारा लोकसभा चुनाव नहीं जीतेंगे।''
राज्य में अपनी सरकार दोहराने की कोशिश कर रहे मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन से भी मुलाकात की। सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भाग लेने आए गहलोत दोपहर में राष्ट्रीय राजधानी से राजस्थान के लिए रवाना हो गए।
राजस्थान में 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में सीएम का चेहरा कौन होगा, गोगोई ने कहा कि पार्टी परंपरा का पालन करेगी। पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कब करेगी, इस पर उन्होंने आरोप लगाया कि कब आचार संहिता लगने वाली है और कब चुनाव कार्यक्रम घोषित होने वाला है, इसकी सारी खबरें बीजेपी को पहले से पता होती है, इसलिए उनकी तैयारी उसी हिसाब से होती है।
उन्होंने कहा, ''देखिए, जब चुनाव घोषित होते हैं तो दोनों के बीच कितनी केमिस्ट्री होती है, सूची तैयार होती है।'' गोगोई ने कहा, "जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हम पूरी तरह सक्रिय हैं और पूरी तरह से तैयार हैं...हम यह चुनाव जीतने जा रहे हैं।"