2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसके लिए कमर कस ली है। आगामी चुनाव के मद्देनजर वे लगातार कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन किया है। जिसके बाद उन्होंने रविवार को नई कार्यसमिति की पहली बैठक बुलाई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नवगठित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) अतीत , वर्तमान और भविष्य के बीच का सेतु है। साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे भारत के दबे - कुचले लोगों की लड़ाई लड़ें।
बैठक के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम गठबंधन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम सभी इस प्रयास में राहुल गांधी के साथ हैं। यह प्रयास हमें अपने लोगों को खतरनाक शासन से बचाने के लिए है जो भारत के लोकतंत्र से समझौता कर रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा संस्थाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों पर हमले कर रही है वहीं कांग्रेस देश की आवाज बनने की अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है।
सुरजेवाला ने बताया कि राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति का गठन एक ऐसे संस्था के रूप में की है जिसमें भूत, वर्तमान और भविष्य के अनुभव का समावेश है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, “मैं राहुल गांधी जी को आश्वासन देता हूं कि हम देश के सद्भाव और आर्थिक विकास को बहाल करने के कार्य में हम पूरी तरह से उनका समर्थन करेंगे।” मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ जुमलों से काम नहीं चलेगा, पीएम को देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अहम फैसले लेने पड़ेंगे और इसके लिए नीति बनानी पड़ेगी। देश में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के दावों के लिए 14 फीसदी कृषि विकास दर की आवश्यकता होगी, जो कहीं नहीं दिखाई दे रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि 12 राज्यों में कांग्रेस मजबूत है। ऐसे में पार्टी 150 सीटें जीत सकती है। उन्होंने कहा कि बाकी के राज्यों में गठबंधन की भूमिका अहम होगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है, जिसमें राहुल गांधी ने अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है। सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कार्य समिति में कई ऐसे नेताओं को जगह नहीं मिली है जो सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान कार्य समिति के अहम सदस्य हुआ करते थे।