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शिंदे सरकार पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, कहा- 'महायुति ने अपने आखिरी दिन अडानी समूह को उपहार देने में बिताए'

कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार जानती है कि वह सत्ता में वापस नहीं...
शिंदे सरकार पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, कहा- 'महायुति ने अपने आखिरी दिन अडानी समूह को उपहार देने में बिताए'

कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार जानती है कि वह सत्ता में वापस नहीं आएगी और उसने अपने आखिरी कुछ दिन मुंबई और राज्य के लोगों की कीमत पर अडानी समूह को कथित तौर पर "उपहार" देने में बिताए हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि शीर्ष से निर्देश स्पष्ट हैं - "महायुति का चुनावी भविष्य अंधकारमय है, लेकिन सत्ता खोने से पहले उसे 'मोदानी' के वित्तीय भविष्य की रक्षा करनी होगी।"

रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज अपराह्न 3:30 बजे ईसीआई द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। हताश महायुति को पता है कि वह सत्ता में वापस नहीं आ रही है, इसलिए उसने अपने आखिरी कुछ दिन मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों की कीमत पर मोदानी को उपहार देने में बिताए हैं।"

समूह को दिए गए कथित एहसानों को सूचीबद्ध करते हुए रमेश ने कहा, "15 सितंबर 2024: मोदानी ने महाराष्ट्र को बढ़ी हुई उपभोक्ता कीमतों पर 6,600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने के लिए ऊर्जा अनुबंध जीता। 30 सितंबर 2024: पारिस्थितिक रूप से नाजुक 255 एकड़ नमक भूमि मोदानी को सौंप दी गई।"

रमेश ने आरोप लगाया, "10 अक्टूबर 2024: मड में 140 एकड़ जमीन मोदानी को सौंपी गई। 14 अक्टूबर 2024: मुंबई में देवनार लैंडफिल से 124 एकड़ जमीन मोदानी को सौंपी गई।"

सत्तारूढ़ महयुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं, जबकि विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (सपा) शामिल हैं।

चुनाव आयोग (ईसी) मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी को समाप्त होगा 

कांग्रेस लगातार सरकार पर हमला कर रही है, जब से उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह पर अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

अडानी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि वह सभी कानूनों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

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