दलितों पर अत्याचार के नाम पर जहां मायावती से लेकर अन्य विपक्षी नेता भाजपा को घेर रहे हैं, वहीं अब पार्टी के भीतर से भी दलित प्रताड़ना बढ़ने की बात कही जा रही है।
भाजपा सांसद उदित राज ने 2 अप्रैल (भारत बंद) के बाद से दलितों को प्रताड़ित करने की घटनाओं में बढ़ोतरी होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को दलित आंदोलन बड़े स्तर पर आयोजित किया गया था। चिंता की बात यह है कि आंदोलन के बाद जो लोग आंदोलन के हिस्सा थे उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और उन पर झूठे मामले चलाए जा रहे हैं और पीटा जा रहा है।
On April 2, dalit agitation was held at a massive scale. The point of worry is is that after the agitation those who were part of the agitation are being targeted and false cases are being slapped on them and also being beaten, this is a cause of concern: BJP MP Udit Raj pic.twitter.com/VRU2ldAlip
— ANI (@ANI) April 8, 2018
उन्होंने अपील किया कि सरकार और पार्टी इस पर जल्द ध्यान दे। उन्होंने कहा, “मैं उन दलित नेताओं की तरह नहीं हूं जो अपने हित के लिए चुप रहेंगे। पार्टी को सही समय पर नहीं बताना स्वार्थ का काम होगा। ढ़ाई साल पहले मैंने कहा था कि दलितों को गुस्सा आ रहा है।”
Appeal to Party&gvt that they must look into this immediately. I am not one of those dalit leaders&party members who'll keep quite in my own interest, not telling the Party at right time would hv been a selfish act. 2.5 yrs ago I said that dalits are getting angry:BJP MP Udit Raj pic.twitter.com/lQStwEVUXA
— ANI (@ANI) April 8, 2018
इससे पहले उन्होंने शनिवार रात ट्वीट कर कहा था कि “दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं और यह रुकना चाहिए।’’
Dalits r tortured at large scale after 2ndApril country wide agitation . Peoplefrom badmer,jalore,jaipur,gwalior,meerut , bulandshahr,karoli &other parts calling that not only anti reservatists but police also beating &slapping false cases.
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) April 7, 2018
उन्होंने कहा कि दो अप्रैल के बाद दलितों को देशभर में प्रताड़ित किया जा रहा है। बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करौली और अन्य स्थानों के लोगों के साथ ऐसा हो रहा है। न केवल आरक्षण विरोधी बल्कि पुलिस भी उन लोगों को पीट रही है। फर्जी मामले लगा रही है।