कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के स्तर पर मोदी सरकार को विफल करार देते हुए जीडीपी के ताजा आंकड़ों पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही मांग की है कि सरकार खोखले वादे करने के बजाय ठोस कदम उठाए और इसकी हकीकत पर श्वेतपत्र जारी करे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मंदी छाने का जो डर था वह सच साबित हो गया। भारत की मजबूत विकास दर के बड़े बड़े दावे मोदी सरकार कर रही थी, सारे खोखले साबित हो गए। चाशनी में लिपटे झूठे दावे और खोखली बयानबाजी से सुर्खियां तो पाई जा सकती हैं लेकिन कड़वी सच्चाई को बदल नहीं सकते। इसके लिए लगातार चेतावनी भी दी जा रही थी। 2015-16 में 8 फीसदी, 2016-17 में 7.1 फीसदी और 2017-18 में 6.5 फीसदी जीडीपी की दर रही है। आंकड़ों से साफ हो गया है कि किस तरह देश की विकास दर गिर रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि आर्थिक गतिविधि और वृद्धि में गिरावट का मतलब है लाखों नौकरियों का नुकसान। नई परियोजनाओं की घोषणाओं में गिरावट आई है और ताजा निवेश धरातल पर चला गया है। असंगठित क्षेत्र अभी भी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाया है। नई नौकरियों पर विराम लग गया है और निर्यात गिर रहा है। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि रुक गई है, कृषि क्षेत्र पर गहरी मार पड़ी है और किसान मजदूरों के बीच निराशा छा गई है। बैंक की क्रेडिट ग्रोथ घट गई है जो अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत नहीं है। हाल में समाज में छाई अशांति इस आर्थिक मंदी का नतीजा थी जिसे भाजपा सरकार ने बहुत ही चतुराई से दबा दिया। अब समय आ गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार खोखले दावे करना बंद करे और ठोस कदम उठाए।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर पार्टी ने जो आशंका व्यक्त की थी वह सही साबित हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के निजी फैसले तथा जीएसटी को गलत तरीके से क्रियान्वित करने के कारण देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची है। सरकार को इसकी हकीकत के लिए श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।