राजस्थान में साल 2020 से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली आ रही "कुर्सी की लड़ाई" किसी से छिपी नहीं है। चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग अलग मुलाकात करने के लिए सोमवार को दिल्ली बुलाया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेता भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट से मिलने के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। बता दें कि विगत 15 मई को, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा शासनकाल में हुए पेपर लीक मामले की जांच की मांग करते हुए अपनी ही पार्टी की सरकार को अल्टीमेटम दिया था। पायलट ने एक महीने का समय देते हुए सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी।
पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग एवं पुनर्गठित करने की मांग के साथ प्रभावितों को आर्थिक मदद दिए जाने और बेहतर जांच की मांग की। पायलट ने कहा था, "तब आशिक गहलोत साहब ने भी विपक्ष में रहकर आरोप लगाए थे। लेकिन अब साढ़े चार साल में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। मछली चाहे छोटी हो या बड़ी पकड़ी जानी चाहिए। मैं तो आखिरी सांस तक राजस्थान के लोगों के लिए खड़ा हूं।
गौरतलब है कि अगले साल लोकसभा चुनाव और उससे पहले इसी साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले ही कांग्रेस दोनों बड़े नेताओं में छिड़ी इस आपसी जंग को सुलझाना चाहती है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं से अलग अलग मुलाकात करने का मकसद भी इसी दिशा में है। गहलोत ने कहा, "हाईकमान सबसे शक्तिशाली है। ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी कि आप किसी को मनाने के लिए प्रस्ताव दे रहे हैं।"