दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। इस बीच मतदान से पहले आप को बड़ा झटका लगा है। गांधी नगर से आप विधायक अनिल वाजपेयी शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। वह बीते कई दिनों से चल रही गठबंधन की कोशिशों और उम्मीदवारी को लेकर पार्टी से नाराज थे।
कुछ दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार भाजपा पर उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप लगाते रहे हैं।
सात विधायकों को खरीदने का लगाया था आरोप
सिसोदिया ने बुधवार को आरोप लगाया था कि भाजपा 7 विधायकों को पाला बदलने के लिए 10-10 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है। उन्होंने कहा था कि इससे पहले भी भजापा ने आप के विधायकों को 'खरीदने' की कोशिश की थी, जिसका जनता ने जवाब दे दिया था।
भाजपा नेता ने किया था पलटवार
इससे अगले दिन भाजपा ने गुरुवार को दावा किया कि उसके संपर्क में आम आदमी पार्टी के 7 नहीं बल्कि 14 विधायक हैं जो 'निराशा और अपमान' की वजह से सत्तारूढ़ पार्टी छोड़ना चाहते थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि आप विधायक बहुत दुखी हैं और पार्टी छोड़ने को राजी हैं।
'क्या यहीं जनतंत्र की परिभाषा है'
शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, आप हर विपक्षी पार्टी के राज्य में विधायक खरीद कर सरकारें गिराओगे? क्या यही आपकी जनतंत्र की परिभाषा है? और इतने विधायक ख़रीदने के लिए इतना पैसा कहां से लाते हो? आप लोग पहले भी कई बार हमारे विधायक खरीदने की कोशिश कर चुके हो। आप वालों को खरीदना आसान नहीं।'
इस बार दिल्ली में लड़ाई त्रिकोणीय लड़ी जा रही है। एक तरफ आम आदमी पार्टी है जो कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश करती रही है, लेकिन कांग्रेस ने उसकी शर्तों को नहीं माना और सातों सीट पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया। वहीं, भाजपा ने भी कुछ सांसदों और कुछ स्टारों को मौका दिया है।