दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ उस बयान पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें राहुल गांदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खून की दलाली वाला बयान दिया था। कोर्ट से 19 जुलाई को आदेश पारित होने की संभावना है।
इससे पहले कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ FIR की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शिकायतकर्ता ने कोर्ट से मामले में दिल्ली पुलिस को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इससे पहले भी कोर्ट ने इस मामले में राहुल को दी थी राहत
कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में राहत देते हुए उनके खिलाफ देशद्रह का मामला चलाने से मना कर दिया था। दरअसल, इस मामले में 15 मई को दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में एटीआर (Action Taken Report) दायर की थी, जिसमें दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शिकायत के कंटेंट के मुताबिक, कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है। दरअसल, इस शिकायत में मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ धारा 124A के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।
जानें क्या है पूरा मामला
अक्टूबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'खून की दलाली' करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि हमारे जिन जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपनी जान दी, सर्जिकल स्ट्राइक की। आप उनके खून की दलाली कर रहे हो, ये बिल्कुल गलत है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा था कि सेना ने अपना काम किया है आप अपना काम कीजिए। हालांकि इसके बाद अपने बयान पर सफाई देते हुए ट्वीट किया था कि वो सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हैं लेकिन राजनीतिक पोस्टर में सेना का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।