दक्षिण दिल्ली की आंबेडकरनगर विधानसभा सीट के मतदाताओं के लिए भारी जाम, खराब सड़कें और स्वच्छता जैसी बुनियादी समस्याएं प्रमुख मुद्दे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते-आते यहां मुख्य लड़ाई मोदी के ‘नाम’ और केजरीवाल के ‘काम’ में तब्दील होती नजर आ रही है।
अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सुरक्षित इस सीट पर पिछले दो चुनावों से आम आदमी पार्टी (आप) जीत हासिल करती रही है और इस बार भी पार्टी ने मौजूदा विधायक डॉ. अजय दत्त पर दांव लगाया है। उनकी हैट्रिक रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर खुशी राम चुनार पर भरोसा जताया है जबकि कांग्रेस के जय प्रकाश भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
क्षेत्र के मतदाताओं से बात करने पर वे कई बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान तो आकर्षित करते हैं लेकिन पसंद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ही अधिक परिचित नजर आते हैं। कुछ लोग तो उम्मीदवारों के नाम तक भी नहीं जानते।
जवाहर पार्क के निवासी राजेश पहाड़िया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में खुद को भाजपा का समर्थक बताया और मोदी के साथ बने रहने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए ‘काफी कुछ’ किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस बार ‘मोदी सरकार’ बनेगी।
स्थानीय उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव कौन लड़ रहा है, लोग मोदी जी के साथ हैं।’’ कृष्णा पार्क के रहने वाले सागर ललवानी ने भी कुछ इसी तरह के विचार अरविंद केजरीवाल के लिए व्यक्त किए।
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को भाजपा की साजिश बताते हुए सागर ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली में बहुत सारे काम किए हैं और इस बार भी लोग उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी बेहतर की है। मोहल्ला क्लिनिक खोले हैं। हमारे बिजली के बिल नहीं आते। चुनाव में उनकी ही जीत होगी और वह फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे।’’
मदनगीर निवासी आशा गहलोत ने मुफ्त बस यात्रा और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली सहित कुछ अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए इनसे मिल रहे फायदों को गिनाया और कहा कि इससे परिवार में ‘काफी बचत’ हो जाती है।
उनकी यह बात गौर करने वाली थी कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने ‘मोदी जी’ को वोट दिया था लेकिन विधानसभा चुनाव में वे ‘केजरीवाल’ के साथ हैं। खानपुर गांव निवासी रमा देवी ने भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त किए।
दक्षिणपुरी में युवा मतदाता राघव इस चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री मोदी को ही वोट दूंगा। उनके आने से ही दिल्ली का विकास होगा।’’
लोगों से बातचीत के दौरान कांग्रेस को लेकर उनकी आशंकाएं भी नजर आईं और कुछ ने तो उसकी छवि केवल वोट काटने वाली पार्टी की बतायी। रमा देवी ने कहा, ‘‘कांग्रेस कहीं नजर ही नहीं आ रही है। उसके लोग प्रचार करते भी नहीं दिखते।’’
राजू पार्क निवासी संदीप कुमार ने कहा, ‘‘चुनाव में कांग्रेस कमजोर है। वोट बेकार करने की बजाय हमें अन्य दो प्रमुख दलों में से ही किसी को चुनना होगा।’’
मतदाताओं से बातचीत के बाद जब उम्मीदवारों से बात की गई तो सभी ने अपने-अपने नेताओं के नाम पर भरोसा जताया और काम की गिनती कराते हुए अपनी-अपनी जीत के दावे किए।
आंबेडकर नगर सीट से आप उम्मीदवार व मौजूदा विधायक डॉ. अजय दत्त ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘दिल्ली की जनता को (अरविंद) केजरीवाल जी पर विश्वास है कि वह किसी भी स्थिति में जनता के लिए काम करेंगे और हम कर भी रहे हैं।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि दिल्ली की जनता को केजरीवाल के ‘काम’ पर भरोसा है और आप 65-70 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
भाजपा के प्रत्याशी खुशी राम चुनार ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस मुकाबले में नहीं है और ‘आप’ के भ्रष्टाचार से जनता परेशान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नाम और काम की बदौलत वह इस बार आप उम्मीदवार को पटखनी देकर रहेंगे।
उधर, आंबेडकर नगर से कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा और ‘आप’ दोनों ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्हें जनता की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है।
बहरहाल, यह तो आठ फरवरी को ही पता चलेगा कि आंबेडकर नगर में किसके नाम और किसके काम का डंका बजता है। इस विधानसभा क्षेत्र में खानपुर, मदनगीर, दक्षिणपुरी, जवाहर पार्क, राजू पार्क, सैनिक फार्म समेत अन्य इलाके आते हैं।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, आंबेडकर विधानसभा सीट पर कुल 1,62,748 मतदाता हैं जिनमें से 85,359 पुरुष तथा 77,363 महिलाएं हैं। वहीं क्षेत्र में तृतीय लिंग के 26 मतदाता हैं।
यह इलाका दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है जिस पर 2014 से भाजपा का कब्जा है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होना है और मतगणना आठ फरवरी को होगी।