उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाए।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने कहा कि जमानत के मामलों को अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर जैन की याचिका पर फैसला करे।
जैन ने उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई को छह सप्ताह के लिए स्थगित किए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने तर्क दिया था कि इसी तरह का एक मामला शीर्ष अदालत में लंबित है और इसलिए उनकी याचिका को इसके साथ संलग्न किया जाना चाहिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जैन की याचिका पर जवाब देने और उसे मामले पर एक स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।
अदालत ने जेल प्राधिकारियों से जैन का रिकॉर्ड भी मांगा था और मामले पर अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख तय की थी।
ईडी ने भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित धन शोधन के मामले में 30 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया था। उन्हें निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में छह सितंबर 2019 को नियमित जमानत दे दी थी।