कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आर्थिक पैकेज को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने बच्चों से साहूकार की तरह काम नहीं करना चाहिए। सरकार आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खातों में सीधे पैसे डाले, क्योंकि इस समय उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है।
राहुल गांधी ने वीडियो लिंक के जरिए मीडिया से कहा कि बच्चा जब रोता है तो मां उसे कर्ज नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है। सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा। इस समय गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।
लोग ठीक रहेंगे तो रेटिंग भी ठीक हो जाएगी
कांग्राेस नेता ने कहा कि कहा जा रहा है कि राजकोषीय घाटा बढ़ने की वजह से एजेंसियों की नजर में भारत की रेटिंग कम हो जाएगी। मेरा मानना है कि फिलहाल भारत के बारे में सोचिए, रेटिंग के बारे में नहीं। भारत के सभी लोग अगर ठीक रहेंगे तो एक बार फिर से मिलकर काम करेंगे और रेटिंग अपने आप ठीक हो जाएगी।
आने वाला है आर्थिक तूफान
कांग्रेस नेता ने कहा कि अभी तूफान आया नहीं है, आने वाला है। देश को जबरदस्त आर्थिक नुकसान होने वाला है. कई लोगों को चोट पहुंचेगी। अगर सरकार ने उन्हें पैसा नहीं दिया और मांग तेज नहीं हुई तो आगे बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। सरकार किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है। हमें इसे ध्यान से हटाना है। बुजुर्गों व गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पीएम ने आर्थिक पैकेज का किया है ऐलान
बता दें कि पीएम मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इसमें मार्च में घोषित 1.7 लाख करोड रुपये का पैकेज और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विभिन्न मौद्रिक नीति उपायों के माध्यम से दिए 5.6 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। सरकार ने 9.1 लाख करोड़ रुपये के संचयी पैकेज की भी घोषणा की है, जिसमें छोटी फर्मों को क्रेडिट लाइन, किसानों को रियायती ऋण, शेडो बैंकों और बिजली वितरकों को समर्थन देना शामिल है।