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कमजोर पड़ता जा रहा है मोदी-शाह का डरः पी चिदम्बरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह का डर अब कमजोर पड़ता...
कमजोर पड़ता जा रहा है मोदी-शाह का डरः पी चिदम्बरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह का डर अब कमजोर पड़ता दिख रहा है।

चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए कहा, 'आखिरकार चुनाव आयोग के एक सदस्य द्वारा मोदी-शाह के भाषणों में गलती पकड़ने और अन्य दो सदस्यों के फैसले से असंतोष दिखाने से, चुनाव आयोग में कुछ जान पड़ती दिखाई दी है।'

चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के भाषणों पर उन्हें क्लीन चिट दे दी है, लेकिन कुछ मामले ऐसे थे, जिनमें कुछ सदस्यों ने क्लीन चिट दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। इन मामलों में फैसला लेने की जिम्मेदारी चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा सहित दो इलेक्शन कमिश्नरों अशोक लवासा और सुशील चंद्र के पास थी।

फटकार लगा सकता है चुनाव आयोग

चिदंबरम ने अपने दूसरे ट्वीट में भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज भरे अंदाज में पीएम मोदी और शाह को फटकार लगाने की बात कही। चिदंबरम ने लिखा, '6, 12 और 19 मई वाले चरण के निकट आते आते, चुनाव आयोग वास्तव में मोदी और शाह को फटकार लगा सकता है। साफ है कि मोदी-शाह का डर आखिरकार कमजोर पड़ रहा है।'

मोदी-शाह के डर से बाहर आए मीडिया’

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने मीडिया पर भी मोदी शाह के डर में काम करने का आरोप लगाया और उम्मीद जताई कि मीडिया भी स्वतंत्र रूप से काम करेगा। उन्होंने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि अन्य संस्थान और मीडिया भी मोदी-शाह के डर से बाहर आएंगे और अपनी स्वतंत्रता के साथ काम करेंगे।' इससे पहले भी कांग्रेस के कई नेता मीडिया और अन्य संस्थानों पर सवाल उठा चुके हैं। कांग्रेस आरोप लगाती आई है कि सत्तारूढ़ भाजपा संस्थाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।

चुनाव आयोग से की थी शिकायत 

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पीएम मोदी के पांच  भाषणों की शिकायत की थी। इनमें वर्धा, नांदेड़, लातूर, पाटन और बाड़मेर में दिए गए भाषण शामिल थे। पार्टी का आरोप था कि पीएम मोदी ने इन भाषणों में चुनाव आयोग के निर्देशों और आचार संहिता का उल्लंघन किया था. लेकिन इनमें से चार मामलों में चुनाव आयोग पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुका है। हालांकि अभी कुछ शिकायतें और है जिन पर चुनाव आयोग के 6 मई से पहले फैसला लेना है। इससे पहले चुनाव आयोग बीजेपी, कांग्रेस, सपा-बसपा समते कई नेताओं को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाते हुए निर्धारित समय के लिए प्रतिबंध लगाया था।

 

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