राफेल डील विवाद पर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा राफेल डील को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधने के बाद सोमवार को पूर्व वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में जांच का आदेश देने से बच रही है, जो सवालों के घेरे में है।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री जेटली कहते हैं कि सच के दो पहलू नहीं हो सकते, बिल्कुल सही है। वित्त मंत्री के मुताबिक यहां दो पहलू हैं, ऐसे में यह पता लगाने का सही तरीका क्या है कि कौन सा पहलू सही है?' उन्होंने कहा, 'या तो जांच का आदेश दिया जाए या फिर फिर टॉस करा लिया जाए। मुझे लगता है कि वित्त मंत्री टॉस कराना (दोनों तरफ हेड वाले सिक्के से) पसंद करेंगे।' उन्होंने कहा, 'यह दुखद है कि सरकार सिलसिलेवार हुए घटनाक्रमों को नहीं देख रही है और जांच का आदेश देने से इनकार कर रही है।'
जेटली ने किया था पलटवार
राफेल मामले में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के कथित बयान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उस पर जेटली ने पलटवार किया और आरोप लगाया कि राहुल गांधी सच नहीं बोल रहे। उनके व ओलोंद के बीच 'जुगलबंदी' दिखाई देती है।
सौदा बदलवाने का आरोप
कांग्रेस पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डिसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है उसकी कीमत पूर्व यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति से बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि पीएम मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।