कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमले तेज करते हुए चुनावी बॉण्ड योजना को सरकारें गिराने व राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया गया जबरन वसूली गिरोह करार दिया।
उन्होंने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के मुंबई के लिए रवाना होने से पहले महाराष्ट्र के ठाणे में जंभाली नाका पर लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गांधी ने आरोप लगाया, ”चुनावी बॉण्ड योजना एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का जबरन वसूली गिरोह है और जो लोग विरोध करते हैं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग उनके पीछे पड़ जाते हैं।”
गांधी ने कहा, “यह एक जबरन वसूली गिरोह है जिसका इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराने और राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए किया गया।”
उन्होंने एकनाथ शिंद के नेतृत्व में शिवसेना में हुए विद्रोह और अजित पवार की अगुवाई में राकांपा में हुई बगावत का जिक्र करते हुए कहा, “क्या आपको लगता है कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक मुफ्त में भाग गए हैं?”
गांधी ने कहा कि पिछड़े समुदायों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और सामान्य वर्ग के गरीबों की आबादी 80 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन सरकारी व निजी क्षेत्रों में शीर्ष पदों पर उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 महामारी से भारत में 50 लाख लोगों की मौत हुई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘जब लोग कोरोना वायरस से मर रहे थे, तो वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने चुनावी बॉण्ड के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को पैसा दान किया।’
गांधी ने आरोप लगाया कि अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में केवल फिल्मी सितारे और शीर्ष उद्योगपति ही अतिथि के रूप में शामिल हुए, लेकिन कोई गरीब लोग नहीं थे। उन्होंने दावा किया, ”यहां तक कि भारत की राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) को भी (कार्यक्रम में) अनुमति नहीं दी गई क्योंकि वह आदिवासी हैं।”
गांधी की यात्रा के ठाणे में प्रवेश के समय राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जीतेंद्र अव्हाड, शिवसेना (यूबीटी) नेता केदार दिघे उनके साथ मौजूद थे। जिले के भिवंडी में समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने उनका स्वागत किया।