भाजपा के देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को उन मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल हो गए, जो महज कुछ दिनों के लिए सीएम बन पाए।। अपने दूसरे कार्यकाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस का कार्यकाल केवल चार दिनों का रहा। हालांकि वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री नहीं हैं। इससे पहले भी कई सीएम चंद दिन ही सत्ता संभाल पाए।
फडणवीस ने 23 नवंबर की सुबह दूसरे कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र सीएम के रूप में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण से हालाकि सभी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना स्तब्ध रह गए। शुक्रवार रात को तो उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर मुहर लग चुकी थी। मगर अगले दिन जब आंख खुली तो फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेते हुए तस्वीरों ने सभी को चौंका दिया। रातोंरात क्या हुआ, किसी को कुछ समझ ही नहीं आया।
किया सुप्रीम कोर्ट का रूख
एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए फडणवीस को आमंत्रित करने के तरीके और पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले, 26 नवंबर को फडणवीस और अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
येदियुरप्पा को देना पड़ा इस्तीफा
पिछले साल कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने बिना बहुमत के ही 17 मई को सीएम पद की शपथ ले ली। मगर सदन में शक्ति परीक्षण से पहले ही 19 मई को इस्तीफा दे दिया। भाजपा नेता येदियुरप्पा के लिए यह पहला मौका नहीं था। 2007 में उन्होंने 12 जुलाई को शपथ ली और 17 जुलाई को इस्तीफा दे दिया।
जगदम्बिका पाल ने 44 घंटे सत्ता संभाली
1998 में उत्तर प्रदेश में ऐसी ही सियासी तस्वीर सामने आई।राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह को बर्खास्त कर जगदम्बिका पाल को 21 फरवरी को सीएम बना दिया। मगर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 23 फरवरी को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने 44 घंटे मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
ये भी इस कतार में शामिल
आईएनएलडी के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने 1990 में 12 जुलाई से 17 जुलाई तक छह दिनों के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने 3 दिनों से 10 मार्च, 2000 तक 8 दिनों के लिए सेवा की। ।
1998 में, कांग्रेस नेता एससी मारक ने मेघालय के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन उनका कार्यकाल 27 फरवरी से 10 मार्च तक केवल 12 दिनों तक रहा।