महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीट हिस्सेदारी में भारी गिरावट देखी गई। इसे देखते हुए अब राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और शीर्ष नेतृत्व से आग्रह किया कि उन्हें डिप्टी सीएम पद से मुक्त किया जाए ताकि वह पार्टी के लिए काम कर सकें।
देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में हमें जो भी नुकसान हुआ, मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। इसलिए, मैं शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि मुझे मेरे मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि मुझे पार्टी के लिए काम करना है और राज्य विधानसभा चुनाव हेतु पार्टी की तैयारियों में अपना समय देना है।"
उन्होंने कहा, "किसानों के मुद्दों ने कुछ सीटों पर प्रमुख भूमिका निभाई। इसके अलावा, संविधान में बदलाव किए जाने के झूठे प्रचार ने कुछ मतदाताओं को प्रभावित किया। मुसलमानों और मराठा आंदोलन के एकमुश्त वोटों का प्रभाव पड़ा।"
बता दें कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में 23 के मुकाबले महाराष्ट्र में नौ सीटों पर गिर गई। वोट शेयर 26.18% रहा। दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य में 13 सीटें हासिल करके अपनी सीट हिस्सेदारी में मामूली सुधार किया। इस बीच राज्य के डिप्टी सीएम ने भी देश की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "मैं देश के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मोदीजी (पीएम नरेंद्र मोदी) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की अनुमति दी। एनडीए ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मैं इसके लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं।"
इंडिया गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए, फडणवीस ने कहा, "बीजेपी ने अकेले इंडिया ब्लॉक से अधिक सीटें हासिल की हैं। यह प्रचार कि संविधान को बदला जाएगा, उन्होंने प्रचारित किया था। हमें इस पर अंकुश लगाने की जरूरत थी जो हम नहीं कर सके।"
भाजपा की जीत की संख्या 2019 की 303 और 2014 में जीती गई 282 सीटों की तुलना में बहुत कम थी। दूसरी ओर, कांग्रेस ने मजबूत वृद्धि दर्ज की, 2019 में 52 और 2014 में 44 की तुलना में 99 सीटें जीतीं। इंडिया ब्लॉक ने कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए और एग्ज़िट पोल के सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए 230 का आंकड़ा पार कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठबंधन में अन्य दलों के समर्थन के साथ, मुख्य रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडी (यू) और चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी के समर्थन से तीसरा कार्यकाल हासिल किया है।
2024 के लोकसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती के बाद बीजेपी 272 बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें पीछे रह गई। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद पहली बार, उसे अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं हुआ।