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प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए, राहुल गांधी को मिली राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति

तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच आज कांग्रेस के...
प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए, राहुल गांधी को मिली राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति

तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे हैं। दूसरी ओर मार्च में शामिल प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में किसानों के पक्ष में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की योजना थी। मगर इसकी अनुमति नहीं मिली।  राहुल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौपेंगे। इसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया जाएगा।

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश का किसान नए कृषि कानूनों की विरोध में भविष्य की त्रासदी से बचने के लिए आंदोलन कर उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। गांधी ने ट्वीट किया , “ भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं और उनके इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।”
इसके साथ ही श्री गांधी ने एक फोटो पोस्ट की है जिसमें मध्य प्रदेश के किसानों के साथ एक अनुबंध की प्रति संलग्न की गई है। इस फोटो के कैप्शन में लिखा है , “ ना हस्ताक्षर न मुहर, ऐसे ही हो रहा अनुबंध। मध्य प्रदेश के किसान बोले यही चलता रहा तो हम हो जाएंगे तबाह।”

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले ‘कृषि विरोधी कानून’ बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में लगभग दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं।’

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसान संघों ने गेंद सरकार के पाले में होने की जिक्र करते हुए बुधवार को उससे कहा कि वह बातचीत फिर से शुरू करने के लिये नया ठोस प्रस्ताव लेकर आए, वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि समाधान तक पहुंचने का संवाद ही एक मात्र रास्ता है और सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।

 

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