कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसान आंदोलन को लेकर सोमवार को फिर केंद्र की आलोचना की और कहा कि किसान न्याय की गुहार लगा रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार ने उन्हें "बार-बार धोखा दिया है"। खड़गे ने जोर देकर कहा कि किसानों से उनकी आवाज उठाने का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए।
खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि किसानों को न्याय के लिए बार-बार दिल्ली के दरवाजे पर क्यों आना पड़ता है।
खड़गे ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा, "आज जब आप हरियाणा और राजस्थान के दौरे पर होंगे, तो मुझे उम्मीद है कि आप देश के अन्नदाता किसान के संघर्ष को जरूर समझने की कोशिश करेंगे। किसान न्याय की गुहार लगा रहे हैं, क्योंकि आपकी सरकार ने उन्हें बार-बार धोखा दिया है।"
उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "2022 तक किसानों की आय दोगुनी न करने का धोखा, स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार इनपुट लागत + 50% एमएसपी लागू न करने का धोखा, और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए एक समिति बनाने लेकिन उस पर कार्रवाई न करने का धोखा।"
खड़गे ने दावा किया कि न तो पर्याप्त खरीद हो रही है और न ही उचित मूल्य पर खरीद हो रही है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, किसान डीएपी और उर्वरकों की भारी कमी से परेशान हैं!"
उन्होंने कहा, "आपने किसानों के रास्ते पर कंटीले तारों का जाल बिछा दिया, दिल्ली की सीमा को फिर से छावनी में बदल दिया, उनके शांतिपूर्ण मार्च को आंसू गैस से रोकने की कोशिश की। इससे पहले आपने उन पर रबर की गोलियां चलाईं और उन पर लाठियां बरसाईं।"
खड़गे ने आरोप लगाया, "केवल इतना ही नहीं, संसद में आपने (प्रधानमंत्री मोदी) स्वयं किसानों पर अपमानजनक टिप्पणी की और उन्हें ‘आंदोलनजीवी’ और ‘परजीवी’ कहा तथा 750 शहीद किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखना भी उचित नहीं समझा।"
उन्होंने कहा, "ऐसे में आप और आपके कृषि मंत्री चाहे जितने झूठ बोल लें, अन्नदाता किसान समझ चुके हैं कि आप उनके कट्टर विरोधी हैं। किसानों से उनकी आवाज उठाने का अधिकार मत छीनिए, उनके साथ अन्याय मत कीजिए!"
आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया, क्योंकि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसूगैस के गोले दागे जाने से उनमें से कुछ घायल हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों द्वारा पंजाब-हरियाणा सीमा पार करने के एक और प्रयास को विफल कर दिया था।
किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार को अगली कार्रवाई पर फैसला करेंगे।
रविवार दोपहर को 101 किसानों के एक समूह ने जब पैदल मार्च फिर से शुरू किया तो उन्हें हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेड्स ने रोक दिया, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को चाय और बिस्कुट देकर और उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाकर आश्चर्यचकित कर दिया।
लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि यह सब एक "नाटक" था, क्योंकि जब वे शंभू सीमा पार करने पर अड़े तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें छोड़ीं।