मोदी ने लखीमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पहले चरण का मतदान बताता है कि कितने भी गठबंधन कर लो पाप धुलने वाले नहीं है।
उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के 10 सूत्रीय साझा कार्यक्रम जारी करने पर कहा कि जब जान गये कि बचने वाले नहीं है तो तीसरा घोषणा पत्र जारी कर दिया। दोनों पहले ही अपना घोषणा पत्र जारी कर चुके थे।
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने दशकों तक कांग्रेस का शासन देखा...सपा-बसपा की सरकारें देखी है... जनता को क्या मिला...कांग्रेस, सपा और बसपा परीक्षा में फेल हो गये हैं...क्या ऐसे लोगों को फिर मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी की जनता ने सारा हिसाब किताब कर दिया है। :कांग्रेस और सपा: दो कुनबों के कुछ लोग ही जीत पाये।
प्रधानमंत्री ने कहा श्रीमान अखिलेश जी खतरे की घंटी तो उसी दिन बज गयी थी। उसके बाद भी आप के पास ढाई साल का समय था अपनी छवि ठीक करने का। अखिलेश के काम बोलता है के नारे पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कुछ घटनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि हत्याएं होती है, बलात्कार होते है और उनके पीछे राजनेताओं का हाथ होने के आरोप लगते हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि काम बोल रहा है कि कारनामे बोल रहे हैं।
मोदी ने अखिलेश पर बसपा के प्रति नरम रहने का आरोप लगाने के अंदाज में सवाल किया कि अखिलेश जी आप ने मायावती राज में हुए घोटालों की जांच बंद क्यों कर दी।
उन्होंने सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब उन्हें :अखिलेश: डर लगा कि बचने वाले नहीं तो लोहिया की चिन्ता छोड़ कुर्सी के मोह में कांग्रेस की गोद में बैठ गये।
मोदी ने अखिलेश के काम बोलता है के नारे पर एक और प्रहार किया तथा इसके लिए उनकी बहुप्रचारित लखनउ मेट्रो परियोजना का उदाहरण दिया और कहा सोचा था कि यहां से लखनउ जायेंगे और हम दोनों :मोदी अखिलेश: मेट्रो की सवारी करेंगे पर पता चला कि अभी चली ही नहीं...आधे अधूरे में गाजेबाजे के साथ उदघाटन कर दिया...उसमें भारत सरकार का भी पैसा लगा है। मगर केन्द्र सरकार के किसी मंत्री को नही बुलाया यहां तक कि स्थानीय सांसद :राजनाथ सिंह: को भी नहीं बुलाया।
उन्होंने कहा कि काम नहीं मूर्ख बनाने का कारनामा बोल रहा है। मोदी ने अखिलेश सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में समर्थन मूल्य पर 50-60 प्रतिशत धान गेहूं की खरीद की जाती है, जबकि उत्तर प्रदेश में मात्र तीन प्रतिशत के कारण किसानों को अपनी उपज कम दाम में बेचनी पड़ती है।
उन्होंने केन्द्र सरकार की तमाम योजनाओं एवं कार्यक्रमों का जिक्र करने के साथ कहा कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। हमें एक संकल्प के साथ पांच साल काम करना है कि देश को कहा पहुंचाना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। भाषा