बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित एक रैली में कहा, उड़ी के शहीद जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है लेकिन प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनऊ में ही दशहरा मनाने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, हो सकता है कि इसी स्वार्थ में वह दीवाली भी उत्तर प्रदेश में आकर मनाएं। अठारह जवानों की शहादत के सम्मान में उनके परिवार वालों के दुख को अपना समझकर इस बार भाजपा के लोगों को अपना दशहरा और दीवाली धूमधाम से मनाने की बजाय संजीदगी और सादगी से मनाना चाहिए था। मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही भाजपा अपने राष्ट्रीय नेताओं, विशेषकर मोदी को लखनऊ के दशहरे के धार्मिक मेले में लाने को मजबूर हुई ताकि ये नेता भीड़ में अपनी पार्टी व सरकार की कुछ बातें धर्म की आड़ में रख सकें। उन्होंने कहा, भाजपा को धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि मोदी 11 अक्तूबर को लखनउ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होंगे। इसे लेकर बसपा सहित भाजपा के विरोधी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और मोदी के आगमन को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ा है। मायावती ने न सिर्फ मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बल्कि प्रदेश की सत्ताधारी सपा एवं कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कांशीराम स्मारक स्थल पर हजारों की संख्या में जुटे बसपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद कांशीराम की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने सपा सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा, जब से उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी है तब से यहां हर स्तर पर कानून का नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचारियों का जंगलराज चल रहा है। हत्या, चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, गुंडा टैक्स, महिलाओं का उत्पीड़न, जमीनों पर कब्जे, दंगे एवं तनाव की वारदात अब चरम पर हैं।