कांग्रेस ने प्रस्तावित तीन तलाक बिल का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा है कि इसकी खामियों को दूर करते हुए महिलाओं के सुरक्षा के लिए और मजबूत बनाने की जरूरत है। कांग्रेस ने बिल में कोई संसोधन तो पेश नहीं किया लेकिन कुछ सुझाव जरूर दिए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा कि कुछ सुझाव अगर बिल में शामिल कर लिए जाएं तो यह मुस्लिम महिलाओं को अधिक सशक्त बनाएगा। बिल में प्रस्तावित गुजारा भत्ता मुस्लिम महिलाओं को देने की बात की गई है लेकिन यह कितना होगा, इसकी व्याख्या कैसे होगी, परिभाषा क्या होगा, इसका आकलन कैसे होगा और वह पति की आमदनी कितना फीसदी हो सकता है। इसके साथ संसद द्वारा पारित मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डाइवोर्स एक्ट 1986 है। उसकी धारा तीन और चार में पहले से हर्जाना देने का प्रावधान है लेकिन मौजूदा बिल में यह साफ नहीं करता है कि अगर मुस्लिम महिला का गुजारा भत्ता मिलेगा तो फिर हर्जाने से वंचित तो नहीं कर दिया जाएगा। अगर पहले से हर्जाना मिल रहा है तो क्या वह इससे वंचित हो जाएगी।
कांग्रेस का कहना है कि बिल में तीन तलाक को साबित करने की जिम्मेवारी महिला पर छोड़ दी गई है यानी सालों तक गरीब महिला ठोंकरे खाती रहेगी। अगर यह जिम्मेवारी पति की हो तो महिला सुरक्षा को बल मिलेगा। प्रस्तावित बिल में दोषी व्यक्ति को तीन साल की सजा होगी। एक सवाल जो महिलाओं के संगठन उठा रहे हैं जिसे राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। जिस व्यक्ति ने बच्चों और महिला को छोड़ दिया है। अगर वह जेल चला जाता है तो फिर हर्जाना और गुजारा भत्ता कैसे देगा और यह राशि कहां से आएगी, इसका जिम्मेवार कौन होगा, क्या उसकी संपत्ति ली जा सकती है। यह कई सवाल हैं जिसे साफ कर ही बिल लाया जो मुस्लिम महिला को फायदा होगा।