दरअसल संदीप दीक्षित जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की सीमा पर बयानबाजी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहें थे तब उन्होंने यह बात कही। इसके बाद जब उनके बयान पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने फौरन माफी मांग ली।
संदीप दीक्षित ने कहा था कि हमारी सेना सशक्त है और हमने हमेशा सीमा पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान उल-जुलूल चीजें और बयानबाजी ही कर सकता है । खराब तब लगता है जब हमारे आर्मी चीफ सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं। पाकिस्तान का आर्मी चीफ इस तरह के बयान दे तो दे। इसके बाद जब उनके बयान पर विवाद बढ़ गया तो उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि असल में मुझे लगता है कि मैंने गलत कहा। इसके लिए माफी मांगता हूं और बयान वापस लेता हूं।''
कांग्रेस ने जताया अफसोस
संदीप के बयान के बाद कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया। पार्टी नेता मीम अफजल ने कहा कि हम आर्मी का सम्मान करते हैं। आर्मी चीफ के लिए ऐसी बयानबाजी पर मुझे अफसोस है और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। बीजेपी स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का एक नेता सेना और देश का अपमान करता है। आर्मी चीफ को गुंडा बताकर आर्मी का मनोबल तोड़ने की साजिश है। आर्मी है तो हम हैं और देश है। कांग्रेस संदीप को फौरन पार्टी से बाहर करे और सोनिया गांधी देश से माफी मांगें। इससे पहले संदीप के बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा- ''कांग्रेस के साथ परेशानी क्या है? उन्होंने आर्मी चीफ को 'सड़क का गुंडा' कहने की हिम्मत कैसे की।''
आर्मी चीफ को बताया था जनरल डायर
गौरतलब है कि पिछले दिनों हिस्टोरियन और बंगाली राइटर पार्थ चटर्जी ने भी सीपीएम के माउथपीस में पब्लिश हुए एक आर्टिकल में जनरल विपिन रावत की तुलना अंग्रेज जनरल डायर से की थी। अपने आर्टिकल में उन्होंने कश्मीर में पत्थरबाज को आर्मी जीप से बांधने वाली घटना का जिक्र किया था। हालांकि काफी विरोध के बाद भी चटर्जी अपनी बात पर कायम रहे।