मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन्हें भोपाल में हो रहे किसान सम्मेलन में भाजपा की सदस्यता दिलवाई । इस पूरे मामले में राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्य भूमिका रही है।
सरताज सिंह कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे थे। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद तय माना जा रहा था कि उनकी भी वापसी भाजपा में जल्द होगी। पिछले दिनों सिंधिया भोपाल प्रवास पर आए थे, तब सरताज सिंह ने उनके साथ जाकर सीएम हाउस में शिवराज सिंह से मुलाकात की थी। वे मध्यप्रदेश में सत्ता पलट के बाद ही स्पष्ट रूप से यह संकेत दे चुके थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया की वकालत करने में भी कभी पीछे नहीं रहे। यह जानते हुए भी कि वे कांग्रेस में थे।
वर्ष 2018 के विधान सभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट सिवनी मालवा से टिकट नहीं मिलने से वे भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। यहां कांग्रेस ने उन्हें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और होशंगाबाद विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के सामने होशंगाबाद से लड़ाया था, जहां से कांग्रेस प्रत्याशी सरताजसिंह चुनाव हार गए थे।
75 पार होने के कारण कटा था टिकट
शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके सरताजसिंह का टिकट 2018 के विधान सभा चुनाव में 75 वर्ष से अधिक उम्र बताकर काटा गया था। इससे नाराज होकर कांग्रेस में चले गए लेकिन विधानसभा चुनाव हारने के बाद कभी होशंगाबाद सहित प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के लिए सक्रिय नहीं दिखाई दिए।