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NDA में तकरार पर शिवसेना बोली, ‘पहले के नेताओं ने संभाला गठबंधन, अब 2019 भाजपा के लिए चुनौती’

तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की मोदी कैबिनेट...
NDA में तकरार पर शिवसेना बोली, ‘पहले के नेताओं ने संभाला गठबंधन, अब 2019 भाजपा के लिए चुनौती’

तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की मोदी कैबिनेट छोड़ने की घोषणा के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं एनडीए से बागी चल रही शिवसेना ने भी अपनी चिंता जाहिर की है। शिवसेना ने टीडीपी के इस फैसले को भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण बताया है।

शिवसेना की मनीषा कायंदे ने कहा कि टीडीपी से पहले, उद्धव जी ने अपना रुख स्पष्ट किया था। टीडीपी के 2 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, भाजपा को इसके बारे में सोचना चाहिए था। पूर्व राजग के नेताओं ने गठबंधन को एक साथ बनाए रखा था। अब के नेता अतिआत्मविश्वास में है। ऐसे में 2019 भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

वहीं शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को यह उम्मीद थी। अन्य दल भी एनडीए से बाहर चले गए। सहयोगी दलों के पास अब भाजपा के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। धीरे-धीरे उनकी शिकायतें खत्म हो जाएंगी और अंततः वे गठबंधन से बाहर निकल जाएंगे।

इधर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इसे सियासी ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि क्या संकट? यह मैच फिक्सिंग की तरह है वे अभी भी गठबंधन वापस लेने का नाटक कर रहे हैं। अगर 2 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया तो क्या होगा? यदि आप गंभीर हैं तो इसे गंभीरता से करें। चौधरी ने कहा कि ये पागलपन कहीं रुकेगा नहीं। जब केंद्र सरकार कमजोर रहती है या उनके तरफ से इशारा जाता है तो ऐसी हरकतें होती जाएंगी। केन्द्र को मानना पड़ेगा की वो फेल है या जानबूझकर करा रहे हैं। 

एनडीए की सहयोगी पार्टी आरपीआई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि जब भी आप प्रधान मंत्री मोदी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह से समय मांगते हैं तो वे जरूर मिलते हैं। यदि सभी राज्य विशेष दर्जा की मांग करने लगे तो सरकार के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं है कि टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से अपील करना चाहते हैं कि उन्हें आंध्र के लोगों के विकास के लिए एक बार फिर इस फैसले पर विचार करना चाहिए, उन्हें एनडीए के साथ रहना चाहिए।

दरअसल, टीडीपी आंध्र प्रदेश में सत्ता में है और लंबे समय से केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए, लेकिन केंद्र ने ऐसा करने से मना कर दिया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मोदी कैबिनेट छोड़ने का फैसला किया।

 

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