कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने में इतनी मशरूफ हो गई है कि वह मजबूर और मजबूत में अंतर करना भूल गई है। आज मोदी सरकार ने कर्ज माफी का जो रिकॉर्ड बनाया है वह शायद ही किसी सरकार ने बनाया हो। आज सरकार के करीबी बड़े कारोबारी मजबूत हैं और आम आदमी मजबूर ।
कांग्रेस के प्रवक्ता डा अभिषेक मनु सिंघवी ने एक प्रेस कांफ्रेस कर वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस दावे को सिरे से खारिज किया है जिसमें उन्होंने किसी बड़े एनपीए डिफॉल्टर्स के कर्ज माफी नहीं किए जाने की बात की है। उनका कहना है कि मोदी सरकार लगातार कुछ चुनिंदा लोगों का कर्ज माफ करती रही है। देश का किसान, युवा, मध्यम वर्ग आज भी मजबूर है और मोदी के चंद मित्र मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने 12 बड़े डिफॉल्टर्स पर केवल 1.75 लाख करोड़ रुपये का एनपीए बताया है जबकि आंकड़े इसकी उलट कहानी कहते हैं। सीधे तौर पर वित्त मंत्री गुमराह कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कि बड़े 50 कारोबारी घराने पर 8.35 लाख करोड़ रुपये बकाये के बारे में सभी जानते हैं और इसमें तीन लाख करोड़ रुपये तो केवल अंबानी, अडानी और एस्सार कंपनी पर ही है। अंबानी ने तो 45 हजार करोड़ रुपये के दायित्व वाली अपनी टेलीकाम कंपनी को बंद करने की सार्वनजिक घोषणा भी कर दी है तो क्या वित्त मंत्री यह बताएंगे कि उनके एनपीए का क्या हुआ और यह उन्हें बचाने की कवायद तो नहीं है जिन्होंने काफी लोगों को बेरोजगार कर दिया। अब उन्हें बेरोजगारी के इनाम के तौर पर राफेल सौदे में तीस हजार करोड़ रुपये का ऑफसेट का ठेका दिया जा रहा है।
अभिषेक सिंघवी ने कहा, पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने एक लाख 88 हजार 287 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है तब जेटली देश के 125 करोड़ लोगों को यह कहकर क्यों वेबकूफ बना रहे हैं कि किसी तरह का कर्ज माफ नहीं किया गया। यूपी और महाराष्ट्र के किसानों के छोटा मोटा कर्ज माफी की बात कहकर सरकार क्या जतान चाहती है जबकि अपने मित्रों का एक लाख 88 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया। सरकार की नीतियों के कारण मोदी के मित्र आज मजबूत स्थिति में है और आम आदमी मजबूर हैं।