हरियाणा के विभिन्न थानों में पुलिस द्वारा लगाए बेरिकेड हटाने पर 20 हजार से ज्यादा किसानों पर एफआईआर दर्ज करने की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस पार्टी की ओर से आंदोलनकारी किसानों को झूठे केसों के खिलाफ हरसंभव कानूनी सहायता सुलभ करवाने की घोषणा की है।
हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई जा रही वॉटर कैनन को बंद करने वाले 26 वर्षीय किसान नवदीप सिंह पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने को शर्मनाक बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की खट्टर-चौटाला सरकार सत्ता के अहंकार में पागल हो गई है और उसके लिए सही-गलत का भेद ख़त्म हो गया है। उन्होंने प्रश्न किया कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार किसान पर सर्दी के मौसम में ‘वॉटर केनन’ चलाएं, वो तो ठीक है और जब एक नौजवान उन ‘वॉटर केनन’ को बंद करे, उलटे उसी पर ‘हत्या के प्रयास’ का आरोपी बना दिया जाए, यह कहाँ का न्याय हो सकता है। ऐसी हरकत पर भाजपा-जजपा सरकार को शर्म से डूब मरना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर-उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों पर वॉटर केनन चलवा रहे हैं, बड़े-बड़े पत्थर लगा रास्ता रुकवा रहे हैं, मिट्टी के ढेर लगा सड़कें पटवा रहे हैं, कँटीले तार लगवा कर बैरीयर -बाधा डलवा रहे हैं, लेकिन धरती पुत्र हज़ारों किसानों पर झूठे केस दर्ज किये जा रहे हैं।
तीनों किसान विरोधी काले क़ानूनों को ख़त्म करने के आंदोलन में किसानों पर हो रही ज्यादतियों के बावजूद जजपा के सरकार में बने रहने का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का इतिहास दुष्यंत चौटाला की 'गद्दारी' को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने याद दिलाया कि जिस किसान वर्ग को बहला-फुसला कर जजपा ने भाजपा के खिलाफ वोट लिए, किसानों का कर्ज माफ करने का वचन दिया, आज जब वही किसान सड़कों पर पुलिस की लाठियों और अश्रु गैस के बीच अपने हक़ों के लिए जूझ रहा है और उसके बावजूद जज़पा सत्ता के फ़ेविकोल से चिपक भाजपा की गोद में जमी बैठी है।
सुरजेवाला ने किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब लाखों किसान दिल्ली के सड़कों पर कराह रहे हैं, तब प्रधानमन्त्री को जहाज़ की बजाय ज़मीन पर किसान से बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन वैज्ञानिक और शोधकर्ता ढूंढेंगे, देश का पेट किसान पालेंगे, किन्तु मोदी जी तथा भाजपाई उनके लिए कुछ न करके केवल अपने प्रचार पर ही केंद्रित हैं, जो कि घोर चिंताजनक है।