केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जी20 की मेजबानी करना भारत के लिए एक स्वर्णिम क्षण है और इसकी अध्यक्षता के दौरान तैयार की गई रूपरेखा ‘‘पूरे विश्व के लिए सार्थक परिणाम लाएगी।’’ भारत ने पिछले साल जी20 की अध्यक्षता संभाली थी।
जी20 नेताओं के शुक्रवार को शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जी20 की मेजबानी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक और स्वर्णिम क्षण है।
उन्होंने कहा, ‘‘ एजेंडा वैश्विक भलाई का है, पृथ्वी की भलाई का है, पृथ्वी के सतत भविष्य का है और इसीलिए जी20 के लिए हमारा नारा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है। मिशन लाइफ इसका बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’
जोशी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्थव्यवस्थाओं के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि यह किसी युद्ध का समय नहीं है। उनके विचारों को विश्व स्तर पर स्वीकारा गया और सराहा गया।’’
उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के नतीजे निस्संदेह पूरी दुनिया के लिए अच्छे परिणाम लाएंगे।
भारत की स्थिति पर जोशी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश पिछले कुछ वर्षों में एक नेता के रूप में उभरा है और आज भारत जो कहता है, दुनिया उसे सुनती है और उसका समर्थन करती है।’’
जोशी ने कहा कि भारत ने वैश्विक महामारी के दौरान संकट से निपटने के लिए विभिन्न देशों को घरेलू स्तर पर निर्मित टीकों और अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति करके वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।
जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (27 सदस्यीय समूह) शामिल हैं। जी20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और करीब दो-तिहाई वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।