मायावती ने आज लखनऊ में जारी एक बयान में कहा कि पर्रिकर द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवादियों के शिविरों को तबाह करने की सेना की कार्रवाई का श्रेय पूरी तरह से सेना को ही देने के बजाय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और अब संघ को दिया जाना भारतीय सेना के पराक्रम का अपमान है, जो अति-निंदनीय है। उन्होंने कहा कि भाजपा और देश के रक्षामंत्री और स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा इसका श्रेय लेकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करना और उत्तर प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा इसका लाभ उठाने की कोशिश गलत व निंदनीय है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जगजाहिर है कि संघ एक सर्वमान्य संस्था नहीं है, क्योंकि इसका एजेंडा नफरत पर आधारित विभाजनकारी तथा विघटनकारी है। इतना ही नहीं, अपने आपको सांस्कृतिक संस्था घोषित करने वाले संघ के लोग हमेशा राजनीतिक उद्देश्य से ही काम करते हैं। अब तो उनके कार्यकर्ता खुले तौर पर भाजपा और उसकी सरकार में शामिल हैं।
मायावती ने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी दयनीय स्थिति को लेकर परेशान है। इसी वजह से वह अब हर प्रकार से देशभक्ति व राष्ट्रवाद के विषयों की आड़ में राजनीति कर रही है। मालूम हो कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कल अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शिक्षा को देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री और वह खुद संघ के प्रशिक्षण की वजह से इस सैन्य कार्रवाई का कड़ा फैसला ले सके।