गुजरात में कांग्रेस और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के बीच बात बन गई है। बताया जा रहा है कि सोमवार को पास नेता हार्दिक पटेल राजकोट में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस में उम्मीदवारों की सूची जारी होने को लेकर हलचल तेज हो गई। पहले चरण के लिए पर्चा भरने में केवल दो दिन का वक्त बचा है। सूची जारी होने से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा है कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने पार्टी आलाकमान से नाराजगी की खबरों का भी खंडन किया है।
इससे पहले सोलंकी और पास नेताओं की बैठक रविवार को अहमदाबाद में हुई। बैठक के बाद बताया गया कि आरक्षण सहित सारे मुद्दों पर सहमति बन गई है। हालांकि समझौता किन शर्तों पर हुई है यह साफ नहीं है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में हार्दिक पटेल ने भी सहमति बनने की बात स्वीकार की है। सोलंकी ने बताया कि पिछली बैठक से जिन मुद्दों पर बात अटक गई थी उन पर समझौता हो गया है।
पास नेता और हार्दिक के सहयोगी दिनेश बामनिया ने भी बताया कि कांग्रेस ने उनकी मांगे मान ली हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायरे में आरक्षण देने की हमारी मांग सबको स्वीकार है जिससे किसी के हित का नुकसान नहीं होगा। बताया जा रहा है कि पास के कई नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। सोलंकी ने बताया कि हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, तीनों में से किसी ने विधानसभा चुनावों में टिकट की मांग नहीं की है। हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि इनके समर्थकों को पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है।
माना जा रहा था कि टिकट वितरण पर गतिरोध के कारण ही कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने में विलंब हो रहा है। कहा जा रहा था कि हार्दिक कांग्रेस से 20 सीट मांग रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस चार से ज्यादा सीट उनको देने के लिए तैयार नहीं है। हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले ठाकोर भी ओबीसी समूह के लिए 12 सीट मांग रहे थे। इसके अलावा एनसीपी और शरद यादव के नेतृत्व वाला जदयू भी कांग्रेस कोटे से सीट मांग रहा था। ऐसे में कांग्रेस को लग रहा था कि सबको संतुष्ट करने के चक्कर में कहीं उसके कार्यकर्ता ही बगावत न कर दें।