गुजरात में फसल बीमा राशि में करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा सरकार की मिलीभगत से राज्य में करोड़ों रुपये के फसल बीमा घोटाले का आरोप लगाया है तथा इसे राज्य के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला बताया है। कांग्रेस का कहना है कि किसानों को केवल एक अंश का भुगतान किया गया जबकि वह दावों की 90 प्रतिशत राशि के हकदार थे। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जूनागढ़ जिले के कम से कम दो गांवों के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, निर्धारित उनकी फसल नुकसान दावा राशि से 80-90 प्रतिशत कम भुगतान किया गया।
'एक अंश का ही किया भुगतान'
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि फसल बीमा की गणना से जुड़े असली दस्तावेज उनके पास हैं, जो यह साबित करते हैं कि किसानों को केवल एक अंश का भुगतान किया गया, जबकि वे अपने दावों की 90 प्रतिशत राशि के हकदार थे। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दस्तावेजों को जूनागढ़ जिले के मेंडर्दा तालुका में अमरगढ़ और देवगढ़ गांवों में स्थानीय स्तर पर देखने पर इसका खुलासा हुआ है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने आरोप लगाया कि दोनों गांवों में किसानों को दावा राशि का केवल 1.45 प्रतिशत और 8.19 प्रतिशत का ही भुगतान किया गया, जबकि वे 91.54 प्रतिशत और 90.43 प्रतिशत (दावा राशि के) हकदार थे।
'राज्य का सबसे बड़ा घोटाला'
कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा, "अगर हम गुजरात में पिछले पांच सालों से फसल बीमा दावों को निपटाने में घोटाले को ध्यान में रखते हैं, तो यह राज्य के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला होगा।" उन्होंने कहा कि किसान भी मानते हैं कि यह "कई-करोड़ का घोटाला" था, जो फसल बीमा कंपनियों द्वारा किया गया।