गुजरात चुनाव में राजनीतिक उठापटक की घटनाएं तेज हो गई है। एक तरफ जहां हार्दिक पटेल भाजपा के खिलाफ अभियान तेज करने की बात कर रहे हैं वहीं उनके महत्वपूर्ण सहयोगी वरुण पटेल और रेशमा पटेल शनिवार को सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो गए। यह वाकया तब हुआ जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के हार्दिक पटेल को उनकी पार्टी के साथ हाथ मिलाने का न्योता दिया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भाजपा में शामिल होने के बाद पाटीदार नेताओं ने कहा कि हार्दिक कांग्रेस का एजेंट बन गया है और मौजूदा राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने के लिये आंदोलन का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहा है।
रेशमा पटेल ने कहा, “हमारा आंदोलन ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण के बारे में था। यह भाजपा को उखाड़कर उसकी जगह कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिये नहीं था।” उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा समुदाय का समर्थन किया है और उनकी ज्यादातर मांगें भी मान ली हैं। रेशमा ने कहा, “कांग्रेस सिर्फ पटेलों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही है। हम इस तरह की दुर्भावनापूर्ण साजिश का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।”
उधर पाटीदार नेता वरुण पटेल ने कहा, “हमने सरकार से और सीएम से अपनी मांगों को लेकर बात की है। उन्होंने हमारी मांगों को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की है।”
शनिवार को वरुण और रेशमा ने अमित शाह से मुलाकात कर भाजपा की बैठक में भी शामिल हुए। इसे हार्दिक पटेल के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।