खाप पंचायतों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने कोलकाता में पीटीआई से कहा कि इनका गठन सरकार द्वारा नहीं किया गया है। ये खाप पंचायतें पिछले 800 सालों से हैं। इन पंचायतों को उन्हीं इलाकों के लोगों ने बनाया था। उन्होंने दहेज व्यवस्था के खिलाफ खड़े होने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और लैंगिक अनुपात जैसे मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने समेत विभिन्न समाज सुधार के काम किए हैं। उन्होंने कहा, मैं बल्कि यह महसूस करता हूं कि ये समाज की उपयोगी संस्थाएं हैं। एेसा नहीं है कि वे किसी गलत काम में शामिल रही हैं। खाप एक बड़ी पंचायत है।
उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में संचालित खाप पंचायतें समय-समय पर कथित रूप से आॅनर किलिंग और अजीबोगरीब फरमानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं जिनकी विभिन्न पक्षों द्वारा आलोचना भी की गई। खाप पंचायतों को लेकर पैदा हुए विभिन्न विवादों के संबंध में खट्टर ने कहा, एकाध घटना या गलती खाप पंचायत को पूरी तरह गलत नहीं बनाती। यहां तक कि इंसान और संस्थाएं भी गलती करती हैं। खाप पंचायतों की अपनी एक ताकत है।
गौवध और गौमांस खाने के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, हमने अपने राज्य में गौवध पर प्रतिबंध लगा दिया है और हमें मुस्लिमों का भी समर्थन हासिल है। राज्य विधानसभा में विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया है।